'मुस्लिम रेजिमेंट' को लेकर वायरल हो रही फेक न्यूज, 120 पूर्व सैनिकों ने PM मोदी और राष्ट्रपति को लिखा पत्र
नई दिल्ली। सोशल मीडिया यूजर्स को इन दिनों फेक न्यूज को लेकर काफी सतर्क रहने की जरूरत है। हाल ही में भारतीय मुस्लिम सैनिकों के खिलाफ सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे जहर 120 सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखा है। पूर्व सैनिकों ने खत में चेतावनी देते हुए कहा कि भारत के मुस्लिम सैनिकों को बदनाम करने वाली एक व्यापक रूप से प्रसारित सोशल मीडिया पोस्ट सशस्त्र बलों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, इसके अलावा इससे देश में सांप्रदायिक घृणा भी फैल सकती है।
राष्ट्रीय हित का आह्वान करते हुए 120 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने इस विशेष पोस्ट के पीछे मौजूद लोगों के की तत्काल जांच करने का आग्रह किया है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और ट्विटर को ऐसे भड़काऊ पोस्ट को फैलने में सक्षम बनाने के लिए चेतावनी दी है। 14 अक्टूबर को लिखे पत्र में बताया गया कि एक पोस्ट मई 2013 से फेसबुक और ट्विटर पर एक फेक अकाउंट से सर्कुलेट हो रहा है जिसमें 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र है।
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पत्र में पूर्व सैनिकों ने उस वायरल पोस्ट के दावे के पूर्णतया झूठा करार दिया है जिसमें 1965 के युद्ध में भारतीय सेना के 'मुस्लिम रेजिमेंट' का पाकिस्तान से लड़ने से इनकार करने की बात कही गई है। पूर्व सैनिकों ने कहा यह सेना को अपमान करने की साजिश है। करीब सात साल पुराना यह पोस्ट अब भारत-चीन सीमा विवाद के बीच एक बार फिर से फेसबुक और ट्विटर पर दौड़ रहा है। वायरल पोस्ट के खिलाफ काड़ी कार्रवाई करने के लिए पीए मोदी और राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के पूर्व अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा कि फेक पोस्ट अहितकारी शक्तियों द्वारा फैलाया जा रहा था जो मनोबल और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा।