सोशल मीडिया से लड़की की फोटो चोरी करके कर ली फर्जी शादी, ऐसे हुआ खुलासा
नई दिल्ली। सोशल मीडिया के इस दौर में आपको कुछ ज्यादा ही सतर्क रहने की जरूरत है। जी हां, गाजियाबाद में सोशल मीडिया पर लड़की को अपनी तस्वीरों को साझा करना महंगा पड़ा है। सोशल मीडिया की तस्वीरों का इस्तेमाल करके लड़की की फर्जी शादी जाली दस्तावेजों के जरिए दिखाई गई है। जानकारी के अनुसार 11वीं कक्षा में साथ पढ़ने वाली पुरानी दोस्त की तस्वीर को युवक ने चोरी किया और फर्जी दस्तावेज के जरिए आर्य समाज मंदिर में उसने खुद की लड़की से शादी होने का दावा किया।
दर्ज हुई एफआईआर
यही नहीं आरोपी ने स्टांप एवं निबंधन की वेबसाइट पर अपनी शादी को रजिस्टर भी करा लिया। मामला उस वक्त सामने आया जब लड़की को लड़के ने ब्लैकमेल करने की कोशिश की। जिसके बाद लड़की के परिजनों की शिकायत पर गाजियाबाद मजिस्ट्रेट से इस मामले की जांच कराई गई। जांच के बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपी युवक के खिलाफ और शादी की फर्जी गवाही देने वाले के खिलाफ एफआईआर करने की सिफारिश की है। जिसके बाद आरोपी लड़के और गवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
ऐसे हुआ खुलासा
यह मामला गाजियाबाद का है। दिल्ली में एमकॉम की छात्रा की तस्वीर को आरोपी युवक ने इस्तेमाल किया, जोकि कक्षा 11 में उसके साथ पढ़ चुकी थी। दरअसल आरोपी युवक ने शादी का जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था, उसका सर्टिफिकेट लड़की के गायिजाबाद के पते पर पोस्ट के जरिए पहुंचा। जिसे देखने के बाद लड़की के परिजन सकते में पड़ गए और उन्होंने शादी होने से इनकार कर दिया। जिसके बाद लड़की के परिजनों ने दिल्ली में आरोपी लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और डीएम को इस बाबत लिखिति शिकायत दी कि आखिर कैसे यह शादी पंजीकृत हो गई।
फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल
इस मामले की जांच के लिए डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट यशवर्धन श्रीवास्तव को जिम्मा सौंपा। जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने विजय नगर स्थित आर्य समाज मंदिर के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया कि आखिर कैसे यह फर्जीवाड़ा हुआ। मंदिर के पदाधिकारियों ने जवाब दिया कि जिस प्रमाण पत्र को दिखाकर शादी को पंजीकृत कराया गया है, वह फर्जी है। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपी युवक और शादी की गवाही देने वाले आरोपी को नोटिस भेजा। दो बार नोटिस भेजने के बाद भी जब कोई जवाब नहीं आया तो दिल्ली पुलिस ने पीड़ित परिवार के साथ मिलकर आरोपी की तलाश शुरू की। छात्रा ने आरोप लगाया है कि उसके फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया है, उसने किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। छात्रा ने बताया कि जिस फोटो का इस्तेमाल किया गया है उसे उसने 2018 में जनवरी माह में सोशल मीडिया पर साझा किया था।