फेरबदल: वरुण गांधी ने दिया धैर्य का परिचय, फग्गन सिंह कुलस्ते ने जताई असहमति
भोपाल। एक ओर जहां बीजेपी में पद-प्रतिष्ठा को लेकर हुआ फेरबदल चर्चा में है वहीं कुद नेताअेां के नाराज़ होने की खबरें भी सार्वजनिक हो रही हैं। अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा की नई टीम की घोषणा के बाद विरोध की पहली आवाज मध्य प्रदेश से उठी खड़ी हुई है।
लगातार पांचवीं बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे भाजपा के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने पार्टी में अहम भूमिका नहीं मिलने पर असहमति जाहिर की है। एक अखबार से बातचीत के दौरान कुलस्ते ने तो यहां तक कह डाला कि नरेंद्र मोदी सीएम से पीएम बन गए और हम वहीं के वहीं घिसे जा रहे हैं।
यह
है
प्लान-
नई
टीम
में
फग्गन
सिंह
कुलस्ते
को
एक
बार
फिर
पार्टी
के
अनुसूचित
जनजाति
मोर्चा
का
अध्यक्ष
बनाया
गया
है।
यह
लगातार
चौथी
बार
है
कि
जब
उन्हें
यह
पद
मिला
है।
इसके
बाद
कुलस्ते
ने
विरोध
के
स्वर
तेज
कर
दिए
और
कहा
कि
मोदी
चाहें,
तो
उन्हें
सरकार
का
भी
हिस्सा
बना
सकते
हैं।
पढ़ें- वरुण के साइडलाइन होन की वजहें
खबर
तो
यह
भी
है-
कुलस्ते
चाहते
हैं
कि
वह
अन्य
दायित्व
संभालें।
वे
बोले
कि
क्या
मैं
अकेला
आदिवासी
हूं।
15
साल
से
यही
काम
कर
रहा
हूं।
बदलाव
चाहता
हूं।
फग्गन
सिंह
कुलस्ते
मध्य
प्रदेश
के
मंडला
से
सांसद
हैं।
खबर
है
कि
कुलस्ते
पार्टी
में
कम
से
कम
महासचिव
का
पद
चाह
रहे
थे।
गौरतलब है कि 2010 में वह प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा के खिलाफ ही चुनाव लडऩे की जिद पर अड़ गए थे। वोट फॉर नोट कांड में भी फग्गन सिंह ने सुर्खियां बटोरी थीं और संसद के अंदर इन्होंने भी नोट की गड्डियां जमकर लहराईं थीं।