राफेल: पर्रिकर की मौत के बाद ऐसा बयान देना ठीक नहीं- पवार को फडणवीस की नसीहत
नई दिल्ली- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि राफेल मामले पर पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर ने अपने देहांत से पहले ही जवाब दे दिया था। ऐसे में अब अगर उनको लेकर कोई बयानबाजी करता है तो यह बिल्कुल ही ठीक नहीं है।
Maha CM: Giving statements like this after his death is not right. Manohar Parrikar ji had given a reply to this. He was such a man that 8 days before his death he had said that he should get the chance to campaign for Modi ji in at least 2 rallies as there won't be a PM like him https://t.co/ySRUyUhRbc
— ANI (@ANI) April 14, 2019
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार की ओर निशाना साधते हुए कहा है कि, "उनकी मौत के बाद इस तरह का बयान देना सही नहीं है। मनोहर पर्रिकर जी ने इस बारे में (राफेल को लेकर) एक जवाब दिया था। वह तो इस तरह के व्यक्ति थे कि अपने निधन से 8 दिन पहले तक कहते रहे थे कि उन्हें कम से कम दो रैलियों में मोदी जी के लिए कैंपेन करने का चांस मिलना चाहिए, क्योंकि उनके जैसा दूसरा पीएम नहीं होगा।" उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भी पहले इसी तरह का कुछ करने का प्रयास किया था, जो कि एक घिनौना मजाक की तरह था। लेकिन, तब मनोहर पर्रिकर जीवित थे, इसलिए उन्होने उसका जवाब दे दिया था।
दरअसल, यह सारा विवाद इसलिए शुरू हुआ है, क्योंकि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने ये कहा है कि मनोहर पर्रिकर को राफेल डील मंजूर नहीं था, इसलिए वे रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा देकर गोवा लौट गए थे।
दरअसल, इससे पहले पर्रिकर के जीवत रहते हुए ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल एकबार उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए उनसे मिलने पहुंचे थे। वहां से निकलने के बाद राहुल ने दावा किया था कि पर्रिकर ने उनसे मुलाकात के दौरान कहा कि राफेल डील के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और वह उस प्रक्रिया में शामिल नहीं किए गए थे। अगले ही दिन पर्रिकर ने चिट्ठी लिखकर राहुल की बड़ी फजीहत कर दी। बीमार पर्रिकर ने राहुल गांधी के इस बयान को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और कहा था कि एक बीमार इंसान से मुलाकात के बहाने वह राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियां विशेषकर कांग्रेस केंद्र और उसकी सहयोगी मोदी सरकार पर राफेल डील में गड़बड़ी के आरोप लगा रही हैं।
नवंबर 2014 में रक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण करने वाले मनोहर पर्रिकर मार्च 2017 में अपने गृह राज्य लौट गए थे। जहां उन्होंने पार्टी को सियासी संकट से बचाने के लिए एकबार फिर राज्य के सीएम का पदभार ग्रहण किया था। उनका 17 मार्च को पेट से जुड़ी गंभीर बीमारी के कारण निधन हो गया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल, 2015 को पेरिस में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बैठक में 36 राफेल जेट खरीदे जाने की घोषणा की थी। 23 सितंबर, 2016 को इस डील पर आखिरी मुहर लगी थी।
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