डेटा चोरी में फंसा फेसबुक, लगा 39 हजार करोड़ का जुर्माना
वॉशिंगटन। अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने फेसबुक पर निजता के उल्लंघन के मामले में 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 34 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। एफटीसी की ओऱ से यह जुर्माना ब्रिटिश फर्म कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा की गई डाटा चोरी के मामले में फेसबुक पर लगाया है। कैंब्रिज एनालिटिका ने लाखों भारतीयों समेत आठ करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स का डाटा इकट्ठा किया था। बाद में उस डाटा का इस्तेमाल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने में किया गया था।
फेसबुक पर निजता उल्लंघन का आरोप
एफटीसी ने इस महीने की शुरुआत में ही फेसबुक पर जुर्माना लगाए जाने की घोषणा की थी। कमीशन के मुताबिक, अमेरिका में निजता के उल्लंघन के मामले में किसी कंपनी पर लगाया गया, यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है। कैंब्रिज एनालिटिका के अलावा भी फेसबुक को यूजर्स की गोपनीयता और डाटा सुरक्षा में खामियों को लेकर कई अन्य आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। एफटीसी अमेरिका की एक स्वतंत्र संस्था है, जिसे फेडरल ट्रेड कमीशन ऐक्ट के तहत बनाया गया था।इस एजेंसी प्रमुख काम कंज्यूमर के हित की रक्षा करना है।
पहले भी फेसबुक पर लग चुका है जुर्माना
निजता उल्लंघन के मामले में फेसबुक पर पहले भी जुर्माना लग चुका है। पिछले साल ब्रिटिश सूचना कार्यालय ने भी फेसबुक पर पांच लाख पौंड (करीब 4.30 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना भी कैंब्रिज एनालिटिका के डाटा चोरी मामले में फेसबुक की भूमिका को लेकर लगाया गया था। एफटीसी के चेयरमैन जो सिमंस ने कहा कि फेसबुक लगातार वादा कर रहा था कि वह दुनियाभर में इस पर नियंत्रण करने की कोशिश करेगा कि उसके यूजर्स की निजी जानकारी किस तरह से शेयर की जाए। लेकिन, फेसबुक ने यूजर्स को निराश किया है।
जुकरबर्ग के अधिकारो में होगी कटौती
एजेंसी की ओर से फेसबुक पर लगाया गया ये जुर्माना उसकी कुल मार्केट कैप करीब 35 लाख करोड़ रुपए का करीब 1फीसदी है। कमीशन की ओर से सुनाए फैसले में कहा गया है कि, फेसबुक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के बीच एक स्वतंत्र प्राइवेसी कमेटी बनाई जाएगी, जो यूजर की निजता से जुड़े फैसलों पर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का नियंत्रण खत्म कर देगी। कमीशन का कहना है कि, एफटीसी के इतिहास में 5 बिलियन डॉलर का यह जुर्माना अभूतपूर्व है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है ताकि भविष्य में होने वाले उल्लंघनों को रोका जा सके।
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