...अगर पसंद है फेसबुक चैटिंग तो पढ़ें यह चौंकाने वाला सच
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फेसबुक ने नियामक एसईसी को ये सूचना दी है. इसके अनुसार, वहां ऐसे लोग हो सकते है। जिन्होंने हमारी सेवा शर्तों का उल्लंघन करते हुए फेसबुक पर एक से अधिक एकाउंट बना रखे हों। उदाहरण के रूप में 2013 में दुनिया भर में मासिक सक्रिय उपयोक्ताओं (एमएयू) नकली एकाउंट की सख्या 4.3 प्रतिशत से 7.9 प्रतिशत हो सकती है।
फेक एकाउंट का पता लगाना चुटकियों का खेल -
फेसबुक पर फेक अकाउंट कई ग्रुप्स में होते हैं। इनमें क्रिमिनल से लेकर कमर्शियल तक लगभग सभी तरह के फेक अकाउंट मिल जाते हैं। फेकऑफ ऐप एक खास एल्गोरिदम का प्रयोग कर फेसबुक प्रोफाइल को 1 से लेकर 10 तक की रेंज में नंबर देता है। यह स्कैनिंग मौजूदा समय से पिछले एक साल (365 दिन) तक चलती है। ऐप में फेसबुक प्रोफाइल की कोई भी अलग गतिविधी को चेक किया जाता है और उस हिसाब से ही फेक अकाउंट का पता लगाया जाता है।
यहां से करें एप डाउनलोड -
इस ऐप में फेसबुक की टाइमलाइन की सभी गतिविधियां देखी जाती हैं। यह ऐप्लिकेशन https://www.fakeoff.me/ पर मिलेगा। इस ऐप की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऐप के लॉन्च होने के दो महीनों के अंदर ही इसके 15000 यूजर्स बन गए हैं।
नकली या डुप्लीकेट फेसबुक एकाउंट से आशय उस प्रोफाइल से है जो किसी उपयोक्ता ने अपनी मुख्य प्रोफाइल से इतर बनाई हो। फेसबुक की नवीनतम मासिक रपट के अनुसार ऐसे नकली एकाउंट की संख्या भारत और तुर्की जैसे विकासशील देशों में अधिक है।
इसके मुताबिक 31 मार्च 2014 तक फेसबुक के 1.28 अरब एमएयू थे जो कि पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। इसके अनुसार पहली तिमाही में उसकी वृद्धि में भारत व ब्राजील के उपयोक्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।