Facebook विवाद: संसदीय पैनल के सामने पेश हुए फेसबुक इंडिया चीफ अजित मोहन
नई दिल्ली। फेसबुक को लेकर भारत में उठे राजनीतिक तूफान के बीच बुधवार को संसदीय पैनल की बैठक हुई। इस बैठक में भारत में फेसबुक के प्रमुख अजित मोहन भी पैनल के सामने पेश हुए। फेसबुक पर भारत में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में हेट स्पीच को लेकर नरमी बरतने का आरोप है।
बुधवार को संसद की सूचना और प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति की बैठक हुई। समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को समिति के सामने बुलाया था ताकि समिति देश में नागरिक अधिकारों की रक्षा और सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग पर कंपनी के विचार जान सके। समिति की बैठक मंगलवार को होने वाली थी लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण ये बैठक टाल दी गई थी। बुधवार को संसदीय पैनल की बैठक हुई जिसमें फेसबुक के मामले पर चर्चा हुई। मीटिंग के एजेंडे में ऑनलाइन और डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा भी प्रमुख मुद्दा था। पैनल ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधि को भी पैनल के सामने पेश होने को कहा था।
कांग्रेस ने भाजपा और फेसबुक पर साठगांठ का आरोप
कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर से फेसबुक और भाजपा साठगांठ का आरोप लगाया। बता दें कि कुछ दिन पहले अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जनरल ने एक खबर में दावा किया था कि फेसबुक में भारत में सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में हेट स्पीच को लेकर नरमी बरत रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक की भारत में पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास को इस बारे में सूचना थी लेकिन दास ने कर्मचारियों से कहा कि भारत में सत्ताधारी पार्टी के प्रति सख्ती कंपनी के बिजनेस के लिए ठीक नहीं होगा।
खबर छपने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला बोला था और भाजपा और फेसबुक में सांठगांठ का आरोप लगाया था। इसी दौरान कांग्रेस सांसद और संसद की सूचना और प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर ने कहा कि वे संसदीय पैनल की बैठक बुलाएंगे जिसमें फेसबुक के प्रतिनिधियों को पेश होने को कहा जाएगा।
शशि थरूर को हुई थी हटाने की मांग
शशि थरूर के इस बयान के बाद कमेटी के भाजपा से जुड़े सदस्यों ने जोरदार विरोध जताया था। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि थरूर संसदीय कमेटी का कांग्रेस पार्टी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। दुबे का कहना था कि थरूर को बयान देने से पहले कमेटी के सदस्यों से चर्चा करनी चाहिए थी। निशिकांत दुबे ने शशि थरूर को संसदीय पैनल से हटाये जाने की मांग की थी।
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर इसी मामले पर मंगलवार को हमला बोला। राहुल गांधी ने वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक और व्हाट्सएप के हमले को उजागर कर दिया है। हमारे देश के मामलों में किसी को भी, चाहे वो कोई विदेशी कंपनी ही क्यों न हो, हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी सकती है। उनकी तुरंत जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर सजा मिलनी चाहिए।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस ने फेसबुक को लिखी चिठ्ठी
इसके पहले कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को चिठ्ठी लिखी थी। इसमें फेसबुक पर भारत में भाजपा के पक्ष में हो रही हेट स्पीच को नजर अंदाज करने का आरोप लगाया गया था। 15 दिनों के भीतर कांग्रेस पार्टी ने फेसबुक को ये दूसरी चिठ्ठी लिखी है। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने भी मार्क जकरबर्ग के सामने भाजपा के प्रति झुकाव का मुद्दा उठाया है। इस बारे में पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जुकरबर्ग को पत्र लिखा है। पत्र में उनके साथ पहले की मुलाकात का जिक्र भी किया जिसमें इनमें से कुछ मामलों को उठाया गया था