बेकार ना हो जाए 16 साल की तपस्या, चाहकर भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी इरोम शर्मिला, जानें क्यों?
नयी दिल्ली। दुनिया में अब तक की सबसे लंबी भूख हड़ताल रखने वाली इरोम शर्मिला ने 9 अगस्त को अपना अनशन खत्म कर दिया। इरोम ने अनशन खत्म करते हुए चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, लेकिन उनकी 16 सालों की तपस्या बेकार पड़ सकती है। चाहते हुए भी इरोम चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।
मणिपुर की इरोम शर्मीला के पास उनकी पहचान दिखाने के लिए कोई प्रूफ नहीं है। उनके पास कोई भी ऐसा कागजात या दस्तावेज नहीं है, जिससे पता चल सके कि वो भारतीय ही हैं। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इरोम के पास ना तो पैन कार्ड है, ना बैंक अकाउंट और ना ही वोटर आईडी कार्ड। ऐसा कोई भी दस्तावेज इरोम के पास नहीं जिससे पता चल सके कि वो भारतीय है और बगैर इन दस्तावेजों के वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।
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ऐसे में अगर इरोम को मणिपुर विधानसभा चुनाव में खड़ा होना है तो उन्हें जल्द से जल्द इन दस्तावेजों का इंतजाम करना होगा। हालांकि, इरोम के साथी उनके लिए कागजों का इंतजाम करने में लग गए हैं। आपको बता दें कि मणिपुर में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भूख हड़ताल खत्म होने के बाद इरोम ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई थी। 'आयरन लेडी' के नाम से मशहूर इरोम ने मणिपुर से आर्मड फोर्स स्पेशल पॉवर एक्ट हटवाने के लिए 16 सालों तक भूख हड़ताल रखा।