मुजफ्फरनगर में दो भाइयों की हत्या के चश्मदीद का मर्डर, घटना से कुछ ही दूरी पर था पुलिस थाना
मुजफ्फरनगर। सोमवार शाम मुजफ्फरनगर शहर के खतौली इलाके में अपने दो भाइयों की हत्या के चश्मदीद गवाह की गोली मारकर हत्या का मामला सामने आया है। हमलावरों ने इस घटना को उस समय अंजाम दिया असब नाम का शख्स एक दुकान पर दूध पहुचाने जा रहा था तभी एक बाइक पर दो हथियारबंद बदमाशों ने गोली मार दी। जबकि घटना से कुछ ही दूरी पर खतौली पुलिस स्टेशन हैं।
घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर है थाना
घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मुजफ्फरनगर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा है कि हमें खतौली में अग्रवाल डेयरी के पास शख्स को गोली मारे की जाने की सूचना मिली, जहां असब नाम का शख्स दूध देने के लिए आया हुआ था। पुलिस ने कहा कि असब इस्लामनगर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर अपने परिवार के साथ रहता था।
2013 में हुई थी दो सगे भाइयों की हत्या
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर 2013 में इसी क्षेत्र में हुई हिंसा के दौरान असब के भाइयों नवाब और शाहिद की पड़ोसी गांव में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उसी साल 25 फरवरी को मंसूरपुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद हत्याओं के संबंध में मुजफ्फरनगर जिला अदालत में एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करते हुए असब ने 6 लोगों का नाम लिया था। इसी महीने के अंत में इस मामले की अगली सुनवाई होने वाली थी। वहीं खतौली थाना के एसएचओ हरसरन शर्मा ने कहा कि नवाब और शाहित की हत्याओं का 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से कोई लेना देना नहीं था। वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि असब का परिवार अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित था।
आरोपियों पर धमकी देने का आरोप
घटना के बाद असब के परिवार ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उन्हें धमकी दी थी। असब की पत्नी मीना ने कहती है कि वे लोग प्रभावशाली लोग हैं और हमारे घर आए थे, मीना ने कहा कि हम न्याय चाहते थे इसलिए मामले को आगे बढ़ाया और कुछ दिनों ही असब की हत्या कर दी गई। मीना ने कहा कि अपने अपने गांव को छोड़ दिया, क्योंकि हिंसा के बाद स्थिति सामान्य नहीं थी, पहले असब के दो भाइयो की हत्या की गई उसके बाद अब असब को भी मार दिए। मीना ने अभ अपने तीन बेटों के लिए सुरक्षा मांगी है। पुलिस के दो अधिकारी घर के बाहर बैठे हैं। मीना ने करहा कि उन्हें उस दिन आना चाहिए था जब वे अदालत गए थे, हमारे तीन छोटे बच्चे हैं और मुझे डर है कि कही उनके साथ भी कोई अनहोनी न हो जाए।