आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल बैन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और टेलीफोन पर लगाए गए प्रतिबंधों का बचाव किया है। जयशंकर ने ब्रसेल्स के अखबार पोलिटिको को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि ये कदम जरूरी थे क्योंकि ऐसा करके ही आतंकियों और उनके आकाओं के बीच कम्यूनिकेशन को रोका जा सकता है। सरकार की तरफ से पिछले दिनों कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों को जल्द ही हटा लिया जाएगा। जम्मू कश्मीर पर लागू आर्टिकल 370 को पांच अगस्त को हटा लिया गया है। इसके बाद से ही यहां पर मोबाइल, इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं ठप हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में जरूर लैंडलाइन फोन सर्विस को शुरू किया गया है।
बिना कश्मीर पर प्रभाव डाले असंभव था
जयशंकर ने इंटरव्यू में कहा है, 'आतंकियों के बीच जो भी बातचीत होती है उसे रोकना तभी संभव था जब पूरे कश्मीर पर इसका प्रभाव हो। सरकार के लिए एक तरफ आतंकियों और उनके आकाओं के बीच हो रहे संपर्क को रोकना और दूसरी तरफ लोगों के लिए इंटरनेट को खुला रखना बिल्कुल ही असंभव था। अगर ऐसा हो सकता है तो फिर मैं जानकर काफी खुश होऊंगा।' जयशंकर के मुताबिक आर्टिकल 370 हटने के बाद कानून व्यवस्था और सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। आतंकियों और उनके आकाओं से संपर्क को रोकने के लिए इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी पर बैन लगाना जरूरी था। रूस, पोलैंड और हंगरी की यात्रा के बाद ब्रुसेल्स पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने वहां के अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कश्मीर मसले पर राय रखी। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी गतिविधियों को नहीं रोकता, तब तक भारत उसके साथ कोई बात नहीं करेगा।
आतंकवाद पर लगाम लगाए बिना पाक से बात नहीं
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर मसले पर कुछ शर्तों के साथ बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराते हुए जयशंकर ने कहा, 'पाकिस्तान खुले तौर पर आतंकियों को अपनी जमीं पर पनाह दे रहा है। ऐसे में भारत उसके साथ किसी भी तरह की बातचीत नहीं कर सकता।' विदेश मंत्री ने कश्मीर में प्रतिबंधों के बीच दवाओं और जरूरी चीजों की सप्लाई में कमी की खबरों को भी खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वहां हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। लोगों को उनकी जरूरत का सामान, दवाएं सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही हैं। कुछ जगहों पर प्रतिबंधों में ढील भी दी गई है। हालांकि, ऐहतिहातन कई इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात हैं। पिछले दिनों जम्मू के 20 जिलों में लैंडलाइन फोन सर्विस बहाल की गई है तो वहीं कश्मीर में कुपवाड़ा और हंदवाड़ा में लैंडलाइन सेवा बहाल हो गई है।