Explained: पब्लिक ट्रांसपोर्ट में होता है कोरोना वायरस का एयर ट्रांसमिशन, रिसर्च में हुए कई खुलासे
नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर दो करोड़ 64 लाख से अधिक हो गए है। कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक आठ लाख 71 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के फैलते संक्रमण को लेकर तरह-तरह के शोध हो रहे हैं। इसी बीच एक चीनी बस में कोरोना वायरस के हवा में संचरण को लेकर की गई रिसर्च में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इस रिचर्स में कोरोना वायरस के ऐसे हवाई प्रसारण का पता चला है जिसमें बस में बैठा केवल एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित था और वह बस में बैठे दो दर्जन से अधिक लोगों को संक्रमित करने में सक्षम था। यह रिसर्च मंगलवार को प्रकाशित हुई है।
वो लोग भी हुए संक्रमित जो सीधी रेखा में संपर्क में नहीं थे
शोध में पाया गया कि वह व्यक्ति उन लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम था जो उसके संपर्क की सीधी रेखा में भी नहीं थे। महामारी की शुरुआत में, स्वास्थ्य अधिकारियों को यह विश्वास नहीं था कि वायरस हवाई था, मतलब कि यह वायरस हवा के जरिए संक्रामक सूक्ष्म बूंदों को ट्रांसमीट कर सकता है। लेकिन जैसे-जैसे सबूत सामने आते रहे, वैज्ञानिकों को भी अपनी बात से हटना पड़ा। अमेरिकी मेडिकल जर्नल JAMA इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में चीनी शहर निंगबो में एक बौद्ध समारोह में सम्मिलित होने बस में जा रहे यात्रियों को केवल 50 मिनट की यात्रा करनी थी और वे दो बसों में सवार थे। यह सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य किए जाने से पहले की घटना है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कोरोना संक्रमित एक रोगी ने बस में यह वायरस फैलाया। यह वह समय था, जब कोरोना वायरस अपने शुरुआती चरणों में था। फिर वह रोगी वुहान के लोगों के संपर्क में आया, जहां वायरस ने पहली बार 2019 में अपना प्रकोप दिखाया था।
बस में बैठे 68 में से 23 संक्रमित
वैज्ञानिकों ने जब पता लगाया तो एक चौंकाने वाली बात सामने आई। वैज्ञानिकों को पता चला कि बस में बैठे 68 में से 23 लोग वायरस से संक्रमित थे। जाहिर है वायरस उन लोगों को प्रभावित करने में सक्षम था जो रोगी से 1-2 मीटर (3-6 फीट) से भी अधिक दूर थे। जबकि इसे वायरस के फैलने से को रोकने के लिए अधिकतम पैरामीटर माना जाता है। यानि कि जो लोग बस में बिल्कुल आगे और पीछे बैठे थे वे भी इससे संक्रमित हो गए।
हवा से फैला संक्रमण
इसके अलावा जिस एक यात्री ने सभी में संक्रमण फैलाया, उसमें बस में बैठे रहने के दौरान वायरस के लक्षण भी दिखाई नहीं दे रहे थे। हालांकि, यह संभव है कि एसी बस में मौजूद हवा से वायरस का इतना अधिक संचरण हुआ हो।
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