तमिलनाडु चुनाव से ठीक पहले शशिकला ने राजनीति से लिया संन्यास
चेन्नई: तमिलनाडु में अगले महीने विधानसभा के चुनाव हैं, जिस वजह से वहां पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। इस बीच बुधवार को राज्य के राजनीतिक गलियारों में तब खलबली मच गई, जब वीके शशिकला ने अचानक राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया। वो हाल ही में जेल से रिहा हुई थीं। उनको पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता का सबसे करीबी माना जाता था। उनकी रिहाई के बाद से चुनाव लड़ने की खबरें आ रही थीं, लेकिन अब उनके संन्यास ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
संन्यास के बाद शशिकला ने एक बयान जारी कर कहा कि उनको कभी भी सत्ता या पद की लालसा नहीं थी। वो हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम करती रहेंगी। इसके अलावा अम्मा (जयललिता) के दिखाए मार्ग पर चलेंगी। उन्होंने AIADMK कार्यकर्ताओं से भी खास अपील की है। शशिकला ने कहा कि सभी को आगामी तमिलनाडु चुनाव में एकजुट रहना है। साथ ही ये सुनिश्चित करना है कि राज्य में एमजीआर का शासन जारी रहे।
अपने बयान में उन्होंने जयललिता की भी बातों का जिक्र किया। शशिकला के मुताबिक अम्मा कहा करती थीं कि डीएमके दुष्ट शक्तियों से बनी हुई है। अब अम्मा तो नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं को डीएमके को हराने के लिए काम करना चाहिए, ताकी फिर से पार्टी का सुनहरा शासन आए। शशिकला ने अंत में सभी चीजों के लिए जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से तो दूर रहूंगी, लेकिन मेरी ये कामना है कि फिर से अम्मा जैसा स्वर्णिम शासन राज्य में आए।
जयललिता की जयंती पर शशिकला का सियासी दांव, अम्मा समर्थकों को साधकर वापसी की कोशिश
AIADMK
से
हैं
निष्कासित
शशिकला
जयललिता
की
बहुत
खास
थीं।
2016
में
उनके
निधन
के
बाद
शशिकला
को
AIADMK
का
महासचिव
चुना
गया।
वो
मुख्यमंत्री
बनने
की
तैयारी
ही
कर
रही
थीं
कि
आय
से
अधिक
संपत्ति
मामले
में
उन्हें
चार
साल
की
जेल
हो
गई।
इसके
बाद
पलानीस्वामी
और
ओ
पन्नीरसेल्वम
के
गुट
एक
हुए
और
उन्हें
पार्टी
से
निष्कासित
कर
दिया।