यूपी में योगी कैबिनेट के विस्तार की अटकलें तेज, इनका बढ़ सकता है ओहदा
नई दिल्ली- मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से उत्तर प्रदेश में एक बार भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी गठबंधन की चुनौतियों को मात देकर राज्य में भाजपा ने जिस तरह से 80 में से 62 सीटों अपना दल को मिलाकर 64 सीटों पर कब्जा किया है, उसके बाद पार्टी के जुझारू नेताओं को उनकी मेहनत का पुरस्कार मिलना तय माना जा रहा है। खास बात ये है कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीन मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा भी दिया है और एक को मुख्यमंत्री बर्खास्त भी कर चुके हैं। अब पार्टी राज्य में विधानसभा की 12 सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों में जुट गई है, इसलिए ऐसा लग रहा है कि योगी कैबिनेट का जल्द ही पहला विस्तार देखा जा सकता है, जिसके संकेत खुद मुख्यमंत्री भी लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद दे चुके हैं।
इन मंत्रियों ने दिया था इस्तीफा
यूपी के जिन कैबिनेट मंत्रियों ने सांसद बनने के बाद अपना पद छोड़ा है, उसमें आगरा के सांसद एसप सिंह बघेल, इलाहाबाद से सांसद रीता बहुगुणा जोशी और कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी शामिल हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी का साथ छोड़ने के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर को भी मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। यूपी के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा है कि, "यूपी कैबिनेट में फेरबदल होना है। हालांकि, यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।"
इतनों को मिल सकता है मौका
योगी सरकार में अभी कुल 43 मंत्री हैं। जिनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 18 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 13 राज्यमंत्री हैं। इनके अलावा केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा दो उपमुख्यमंत्री भी हैं। यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने बताया कि 403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा के लिहाज से 15 फीसदी मंत्री के नियम के तहत प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत कुल 61 मंत्री हो सकते हैं। यानी राज्य में अभी भी 18 मंत्रियों की गुंजाइश है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि, "हम ये करेंगे (कैबिनेट विस्तार)। हम सब करेंगे, जब और जैसा समय आएगा। राज्य के हित में हम सब करेंगे।"
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योगी के इन मंत्रियों का बढ़ सकता है ओहदा
माना जा रहा है कि अगर सीएम आदित्यनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार करते हैं, तो उनके दो करीबी मंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है। ये नेता हैं असम में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभालने वाले पार्टी नेता महेंद्र सिंह और मध्य प्रदेश में प्रचार की कमान संभाल चुके स्वतंत्रदेव सिंह। इन दोनों ही राज्यों में भाजपा का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है। असम में बीजेपी ने 14 में से 9 और मध्य प्रदेश में 29 में से 28 सीटें जीती हैं। बीजेपी के एक नेता के मुताबिक असम में चुनाव होने के बाद महेंद्र सिंह को अमेठी और गोरखपुर में अमित शाह के रोडशो की जिम्मेदारी दी गई थी और दोनों ही बेहद कामयाब रहा। अभी महेंद्र सिंह ग्रामीण विकास और स्वतंत्रदेव सिंह ट्रांसपोर्ट एवं प्रोटोकॉल विभाग में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। माना जा रहा है कि इन्हें विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
यूपी विधानसभा का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है अब देखने वाली बात है कि ये विस्तार उससे पहले ही होता है या उसके बाद। क्योंकि, आने वाले उपचुनावों के लिहाज से भी इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।