Exit Poll 2019: महाराष्ट्र में शिवसेना के लिए खतरा बन रही है बीजेपी
मुबंई: लोकसभा चुनाव के अधिकतर एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को भारी बढ़त मिलने का अनुमान है। लेकिन अगर सीटों की बात की जाए तो बीजेपी को अपने कोटे की सीटों पर सूबे की क्षेत्रीय पार्टी शिवसेना से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। एग्जिट पोल में बीजेपी के जीतने का स्ट्राइक रेट शिवसेना के स्ट्राइक रेट से बेहतर है। शिवसेना के लिए ये चिंता का विषय है।
एग्जिट पोल में किसको कितनी सीट
इंडिया टीवी-सीएनएक्स के एग्जिट पोल में को 20 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। बीजेपी 48 सीटों में से 25 पर चुनाव लड़ रही है। उसका जीत का स्ट्राइक रेट 80 फीसदी है। वहीं शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा है और उसे 14 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान है।, उसका स्ट्राइक 60.8 फीसदी है। बीजेपी को जहां 25.18 फीसदी वोट मिल रहे हैं वहीं शिवसेना का वोट शेयर 17.71 है। पिछली बार बीजेपी का वोट शेयर 27.56 फीसदी और शिवसेना का 20.82 फीसदी था। इसी तरह रिपब्लिक टीवी-जन की बात का एग्जिट पोल बीजेपी को 21 सीट और शिवसेना को 17 सीट दे रहा है। बीजेपी के जीत का स्ट्राइक रेट 84 फीसदी और शिवसेना का 73.9 फीसदी है। वहीं साकाल-साम के एग्जिट पोल में बीजेपी को 76 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 19 सीटें और उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना को 43.47 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ 10 सीटें मिलने का अनुमान है। एबीपी-नीलसन के एग्जिट पोल में बीजेपी और शिवसेना को 17 सीटें मिलने का अनुमान है।
2014 में बीजेपी-शिवसेना को कितनी सीट
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 48 में से 23 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं शिवसेना को 18 सीटें मिली थी। जबकि एनडीए की एक और सहयोगी पार्टी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन को एक सीट मिली थी। एनडीए गठबंधन में राज्य में शानदार प्रदर्शन करते हुए 42 सीटें जीती थी। शिवसेना के एक सांसद ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि पार्टी को 23 में से कम से कम 20 से 21 सीटें जीतने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि परभनी में थोड़ी समस्या हो सकती है, जहां हमारे नेताओं के बीच कुछ अनबन थी। हम मावल के बारे में भी आश्वस्त नहीं हैं, जहां एनसीपी ने अजीत पवार के बेटे पार्थ को उतारा है।
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एनडीए में शिवसेना की स्थिति बेहतर होगी
शिवसेना के एक और नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर प्रिंट से कहा कि कुल मिलाकर शिवसेना इस एनडीए सरकार में बेहतर स्थिति में होगी। गठबंधन में बीजेपी के बाद हम सबसे बड़ी पार्टी है। हम 2014 में बीजेपी की तुलना में बेहतर स्थिति में थे और इस सरकार में हमारे लिए और कैबिनेट में हमारा और भी ज्यादा प्रतिनिधित्व होना चाहिए। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच साल 1989 में पहली बार गठबधंन हुआ था। लेकिन पिछले 15 साल में बीजेपी की बढ़त ने शिवसेना के लिए खतरे पैदा किए हैं और इसी वजह से दोनों पार्टियों के बीच टकराव बढ़ा है।
बीजेपी ने शिवसेना पर बढ़ाई बढ़त
पिछले 15 सालों में विशेषकर विधानसभा में बीजेपी ने शिवसेना को पीछे किया है। बीजपी ने साल 2004 में जिन सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें 49 फीसदी सीटों पर चुनाव जीता जबकि शिवसेना अपने कोटे की 39 फीसदी सीट ही जीत पाई। अगर 2009 की बात की जाए तो ये आंकड़ा 39 फीसदी और 27.5 फीसदी थी। साल 2014 में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लडा़ तो बीजेपी का स्ट्राइक रेट 47.5 फीसदी रहा जबकि शिवसेना का 22 फीसदी स्ट्राइक रेट रहा। साल 2004 और 2009 के लोकसभा में शिवसेना का स्ट्राइक रेट बीजेपी से बेहतर रहा। हालांकि साल 2014 मे बीजेपी का प्रदर्शन दमदार रहा और उसने 23 सीटें जीती। बीजेपी ने तब 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था। शिवसेना ने 20 सीटों पर लड़ते हुए 18 सीटें जीती। इस चुनाव में बीजेपी का स्ट्राइक रेट 95.8 फीसदी और शिवसेना का 90 फीसदी रहा।
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