निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद ने CM योगी और PM मोदी से की ये अपील
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी पर लटकाने का समय नजदीक आ गया है। तिहाड़ जेल में बंद दोषियों को फांसी देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं, ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले जल्लाद पवन को सभी दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए लेटर भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली आने से पहले जल्लाद पवन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अपील की है जिसमें उसने कहा है कि 'अब तो जीना भी मुश्किल हो गया है'।
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पीढ़ियां करती आ रही हैं ये काम
मेरठ के आलोक विहार कॉलोनी में रहने वाले जल्लाद पवन ने बताया कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी जेल में फांसी देने का काम करता चला आ रहा है। उनके परदादा लक्ष्मण सिंह, दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू सिंह भी देशभर की जेलों में फांसी देने का काम करते आ रहे हैं। पवन ने भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जल्लाद का काम करने का फैसला किया। निर्भया के दोषियों को फांसी देने की खबर से एकबार फिर वह चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में बीवी, बच्चे, छोटे-बड़े भाई हैं।
सिर्फ 5000 रुपये मिलता है वेतन
जल्लद
पवन
ने
ऐसा
किसके
लिए
और
क्यों
कहा
है?
जब
उससे
यह
सवाल
किया
गया
तो
पवन
ने
कहा
कि
मैं
देश
के
सभी
जेलों
में
फांसी
देने
के
लिए
जाता
रहता
हूं
लेकिन
मुझे
मेरा
मेहनताना
सिर्फ
3000
रुपये
मिलता
है।
कई
बार
अधिकारियों
सो
कहने
पर
उन्होंने
मेरा
वेतन
बढ़ाकर
5000
रुपये
प्रतिमाह
कर
दिया
लेकिन
आज
की
महंगाई
में
इतने
से
घर
नहीं
चलता।
पवन
ने
सीएम
योगी
और
पीएम
मोदी
से
अपील
की
है
कि
आर्थिक
परेशानियों
के
चलते
अब
तो
जीना
भी
मुश्किल
हो
गया
।
खत में योगी-मोदी से बयां किया दर्द
निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की खबर के बाद जल्लाद पवन ने सीएम योगी और पीएम मोदी को खत लिखकर अपना दर्द बयां करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महंगाई के दौर में वह सिर्फ 5000 रुपये में पूरे घर का खर्च उठा रहे हैं। परिवार का पालन-पोषण करने बहुत मुश्किल हो गया है। मैंने इस संबंध ने उच्च अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। पवन बताते हैं कि वह अपना मानदेय को बढ़ाने के लिए सीएम पीएम के अलावा राष्ट्रपति, गृह मंत्री, राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग और यूपी के जेल विभाग को पत्र लिखने वाले हैं।
बेटा नहीं करेगा यह काम: पवन
जल्लाद पवन ने बताया कि उनका मकान टूट गया है, बच्चों को पढ़ाने लिखाना मुश्किल हो गया है कई बार तो स्कूल की फीस भी नहीं भर पाते हैं। मेरी हालत को देखते हुए मेरे बेटे ने अभी से यह काम करने से मना कर दिया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक परेशानियों के चलते जीना मुश्किल हो गया है। जीवन यापन के लिए साइकिल पर कपड़े लेकर गली-गली उन्हें बेचने जाता हूं, अगर यह काम ना करूं तो हम भूखे मर जाएंगे। उन्होंने बताया कि पांच हजार में आज के जमाने में कुछ नहीं हो पाता।
16 दिसंबर को हो सकती है फांसी
गौरतलब है कि दिल्ली में जिस दिन निर्भाया के साथ हैवानिय की गई थी वह दिन करीब है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि उसी दिन यानी 16 दिसंबर को ही दोषियों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा। फिलहाल सभी दोषी तिहाड़ जेल में बंद है और उनकी दया याचिका पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का फैसला आना बाकि है। हैदराबाद और उन्नाव की घटना सामने आने के बाद निर्भया के दोषियों को भी जल्द फांसी पर चढ़ाए जानें की मांग होने लगी है।
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