कैंपेंस प्लेसमेंट के जरिये नहीं लगेगी सरकारी बैंकों में नौकरी
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अब सरकारी बैंक कैंपेस प्लेसमेंट नहीं कर पाएंगे। यानी कि वे बिजनेस स्कूलों या दूसरे शिक्षण संस्थानों में जाकर अपने लिए पेशेवरों की भर्ती नहीं कर पाएँगे। सरकारी बैंकों को वित्त मंत्रालय से मिले एक हालिया गाइडलाइन में बताया गया है कि कैंपेस में जाकर भर्तियां करना कानून सम्मत नहीं है। बैंक कैंपेस में जाकर भर्तियां तुरंत प्रभाव से बंद करें। इसलिए इस पर रोक लगनी चाहिए। वित्त मंत्रालय ने विधि और न्याय मंत्रालय की सलाह का हवाला देते हुए उपर्युक्त गाइडलाइन जारी की।
इस फैसले पर बैंकिंग मामलों के जानकार वी.के.सूरी ने कहा कि ताजा फैसले से बैंकों की मुसीबतें बढ़ेंगी। एक तरफ तो बैंकों का कामकाज कई गुना बढ़ा है, उधर नए स्टाफ की भर्तियों में तमाम अवरोध आने लगे हैं। इससे सरकारी बैंकों के सामने प्राइवेट और विदेशी बैंकों से मिलने वाली चुनौती और बढ़ जाएगी। एक बात और। सरकारी बैंकों में हर साल रिटायर होने वाले पेशेवरों की तुलना में नए पेशेवर भर्ती नहीं हो रहे ।
अब लिखित परीक्षा का सहारा
जानकार कहते हैं कि ताजा फैसले के बाद बैंक अपने यहां नए अफसरों और दूसरे मुलाजिमों की भर्ती सिर्फ लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के बाद ही कर पाएँगे। वीके सूरी ने बताया कि बीते कुछ सालों से सरकारी बैंक भी बिजनेस स्कूलों के मेधावी छात्रों की सीधे कैंपेस से ही भर्ती कर रहे थे। फाइनेंस और मार्केंटिंग में डिग्री लेने वाले छात्रों को बैंक खासतौर पर भर्ती कर रहे थे। उन्हें मोटी नौकरी वेतन दे रहे थे।
अब कहां मिलेगी सुरक्षित नौकरी
जानकारों ने बताया कि बिजनेस स्कूलों के छात्र भी सरकारी बैंकों को निजी और विदेशी बैंकों की तुलना में कम सैलरी मिलने के बाद भी पसंद करने लगे थे क्योंकि इनमें नौकरी सुरक्षित रहती है। जबकि दूसरी जगहों में नौकरी सुरक्षित नहीं रहती। वहां पर हायर एंड फायर की नीति चलती है।