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बाढ़ से सेना के खिलाफ बोलने वाले उमर अब्‍दुल्‍ला की बोलती बंद

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[ऋचा बाजपेई]रविवार को जम्‍मू-कश्‍मीर के साथ ही पूरी घाटी के साथ जो सैलाब आया उसमें फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए आर्मी, एयरफोर्स, नेवी और एनडीआएफ की टीमों के साथ ही रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की शुरुआत हुई।

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दुनिया ने पहचाना उमर ने नकारा
दिन-रात एक करके अब तक 96,000 लोगों की जान बचा ली गई है। कश्‍मीर घाटी में जो लोग सेनाओं और सुरक्षा बलों के खिलाफ थे, अब वह सेना की तारीफ कर रहे हैं।

पूरी दुनिया में भारतीय सेनाओं के लिए तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं, लेकिन एक शख्‍स की चुप्‍पी ने हर किसी को हैरान कर डाला है। वह शख्‍स कोई और नहीं बल्कि जम्‍मू कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला हैं।

वहीं उमर जो कभी ऑर्म्‍ड फोर्सेज स्‍पेशल पावर एक्‍ट के बहाने सेना और सुरक्षा बलों पर निशाना साधते हैं तो कभी घाटी में होने वाली पत्‍थरबाजी की घटनाओं के लिए सुरक्षा बलों को जिम्‍मेदार ठहरा देते हैं।

उमर के परिवार की प्रथा

सेना से रिटायर और इस समय आगरा में रह रहे कर्नल आरके उपाध्‍याय के मुताबिक उमर कुछ नहीं कहेंगे और जवानों को उनसे कुछ सुनने की चाहत भी नहीं है।

वह कहते हैं, 'आज से नहीं बल्कि उमर अब्‍दुल्‍ला के पूरे परिवार की यही परंपरा रही है। न तो उनके पिता ने कभी सेना के पक्ष में कुछ कहा और न ही उनके दादा कभी कुछ कहते थे। आज जब सैनिकों के अपने घर डूब गए हैं, वह आगे आकर लोगों की जान बचा रहे हैं। उमर जैसे नेताओं को सेना और सुरक्षा बलों से सीख लेनी होगी कि कैसे सारे मुद्दों को किनारे करके देश की सेवा की जा सकती है।'

हमें अब कोई उम्‍मीद नहीं

रिटायर्ड एयरमार्शल बीके पांडेय जिन्‍होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ वर्ष घाटी में भी बिताए थे, उमर के इस रवैये पर काफी हैरान हैं।

वनइंडिया के साथ बातचीत में उन्‍होंने कहा, 'आर्म्‍ड फोर्सेज स्‍पेशल एक्‍ट को लेकर सेना पर निशाना साधना एक राजनीतिक विवाद है। उमर तो वर्ष 2005 में भी सेना को भूल गए थे जब घाटी में खतरनाक भूकंप आया था। सेना के अपने 136 जवान मारे गए थे लेकिन इसके बाद भी वह निस्‍वार्थ भाव से राहत कार्यें में लगे थे।'

बीके पांडेय की नाराजगी हमें उस समय साफ नजर आ गई जब उन्‍होंने कहा कि अब तो सेनाओं को उमर अब्‍दुल्‍ला से कोई उम्‍मीद नहीं है। सेना और सुरक्षा बल हमेशा इन बातों को दरकिनार कर देश के लिए समर्पण भाव दिखाते रहे हैं और आगे भी दिखाते रहेंगे।

सैनिकों का जज्‍बा

भारतीय सेना की ओर से 'ऑपरेशन राहत' के लिए 239 आर्मी कॉलम्‍स को डेप्‍लॉय किया गया है। कर्नल उपाध्‍याय की दी हुई जानकारी के मुताबिक एक आर्मी कॉलम में 80 पर्सनल होते हैं।

इन कॉलम्‍स के अलावा 80 मेडिकल टीमें और 15 इंजीनियर टास्‍क फोर्सेज को इस रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में लगाया गया है। इस रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में सेनाओं की ओर से अब तक करीब 57,500 लोगों को बचाया जा चुका है।

आर्मी मेडिकल टीम ने जहां अब तक 9,550 लोगों को इलाज मुहैया कराया है तो वहीं 355 गंभीर रूप से बीमार लोगों को प्रभावित इलाकों से एयरलिफ्ट कराया गया है।

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English summary
Everyone is praising the role of Indian armed forces they are playing to rescue people in Jammu Kashmir floor but surprisingly Chief Minister Omar Abdullah is silent on it.
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