एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: मौत के रिंग के किंग संग्राम सिंह ने बताया फाइट की रियल स्टोरी
नयी दिल्ली (अंकुर कुमार श्रीवास्तव)। 8 साल तक वो अपने पैरों पर खड़ा ना हो सका और आज जब खड़ा है तो उसकी ऊंचाईयों की गूंज दुनिया भर में गूंज रही है। उसने फ्लोर पर कमर लचकाए तो सीटीयां बजीं और जब रिंग में घूसे बरसाए तो मुकाबला कोई ना कर सका। उसके एक घूसे ने उसे मौत के रिंग का किंग बना दिया और डब्ल्यूडब्ल्यूपी कॉमनवेल्थ (वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप) का खिताब उसके नाम कर दिया।
जी हां हम बात कर रहे हैं भारतीय रेसलर संग्राम सिंह की जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में हुए मुकाबले में कनाडा के जोई लीजेंड को हरा कर डब्ल्यूडब्ल्यूपी कॉमनवेल्थ के नए चैंपियन बन गये हैं। संग्राम ने इस फाइट को लड़ने से पहले डेथ कॉन्ट्रेक्ट साइन किया था। डेथ कांट्रेक्ट का अर्थ है कि अगर फाइट के दौरान उन्हें कुछ हो जाता है तो यह आयोजकों की जिम्मेदारी नहीं होगी।
लास्ट मैन स्टैडिंग की इस फाइट को जीतने वाले संग्राम ने हाल ही में एक स्कूल को गोद लिया था और इस चैंपयनशिप में जीती राशि वह गरीब बच्चों पर खर्च करेंगे। जीत के बाद देश लौटे संग्राम सिंह ने वनइंडिया से खास बातचीत की और मदीना से लेकर मंडेला स्टेडियम तक के अपने सफर को शेयर किया। तो जानिए संग्राम सिंह की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें:
अपनी कामयाबी को भगवान की दुआ मानते हैं संग्राम
संग्राम सिंह ने कहा कि भगवान रास्ते बना रहा है और मैं मेहनत करते-करते उस रास्ते पर चलता जा रहा हूं। उन्होंने बताया कि वो आठ साल तक व्हिल चेयर पर थे। धीरे-धीरे उम्मीद खत्म हो रही थी लेकिन उपर वाले की मेहरबानी और करम का असर था कि वो फिर खड़े हो सके और रेस्लर बने।
आपको बता दें कि संग्राम बचपन में गठिया और लकवा से पीड़ित थे। उनकी बीमारी कुछ इस कदर थी कि देश के शीर्ष मेडिकल संस्थान एम्स ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए थे। संग्राम सिंह का सरल व्यक्तित्व इसी बात से झलकता है कि वो गरीबों के खातिर रोटी का जरिया बनना चाहते हैं। बात-चीत में उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी का मकसद है कि मैं किसी के काम आ सकूं।
फाइट के दौरान संग्राम को बस इंडिया का झंडा दिखा
संग्राम सिंह से दक्षिण अफ्रीका में हुए डब्ल्यूडब्ल्यूपी कॉमनवेल्थ के मुकाबले के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 20 मिनट की इस फाइट में 7 मिनट तक वो नार्मल रहे। उन्होंने बताया कि फाइट के दौरान जोई लीजेंड ने उन्हें धमकी भी दी लेकिन उन्होंने अनुसना कर दिया। संग्राम सिंह ने बताया कि स्टेडियम में छोटे-छोटे बच्चे इंडिया-इंडिया चिल्ला रहे थे जिसने मुझे ताकत दी।
शुरु में लीजेंड ने बरसाए मजबूत घूसे
संग्राम सिंह ने लीजेंड की तारीफ करते हुए कहा कि शुरु में उसने मुझे 7-8 घूसे मारे और मैं रिंग में गिर गया। इस बात-चीत में संग्राम ने एक खास बात कही जो गौर करने वाला है। संग्राम ने कहा कि रिंग में चैंपियन वो नहीं होता जो घूसे मार कर गिरा दे, चैंपियन वो होता है जो गिरने के बाद खड़ा हो जाए।
खून देखकर डर गया था लीजेंड
संग्राम
ने
बताया
कि
उनका
एक
पंच
लीजेंड
की
नाक
पर
जा
लगा
और
खून
आने
लगा।
लीजेंड
खून
देखकर
घबरा
गया
और
संग्राम
समझ
गये
कि
यही
उसकी
वीक
प्वाइंट
है।
संग्राम
ने
बताया
कि
चुकि
यह
लास्ट
मैन
स्टैडिंग
फाइट
थी
इसलिए
उन्होंने
एक
मजबूत
घूसा
लीजेंड
की
नाक
के
पास
मारा
और
फिर
वो
उठ
ना
सका।
डांस की जगह पीटी करते हैं संग्राम
संग्राम सिंह इस साल डांस रिएलटी शो नच बलिए का हिस्सा भी रहे। संग्राम से जब पूछा गया कि एक रेस्लर के डांस करना कैसा अनुभव रहा तो उन्होंने बताया कि वो डांस की जगह पीटी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका फाइट का कांट्रेक्ट पहले से ही था इसलिए नच बलिए बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा।
संग्राम इस साल के अंत तक कर सकते हैं शादी
शादी के बारे में पूछे जाने पर संग्राम सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले साल इंगेजमेंट की थी और इस साल के अंत तक वो शादी करने की सोच रहे हैं। आपको बता दें कि संग्राम सिंह और अभिनेत्री पायल रोहतगी के साथ रिलेशनशिप में हैं।
वेज खाने को संग्राम ने बताया सबसे बेहतर
एक रेस्लर होने के बावजूद भी संग्राम सिंह नॉनवेज नहीं खाते। उन्होंने कहा कि वेज खाने से सबसे ज्यादा ताकत मिलती है। संग्राम ने रेस्लिंग में करियर तलाश रहे युवाओं को टिप्स देते हुए बताया कि शुद्ध खाओ और घर का खाओ इससे बेहतर कुछ नहीं होता।
संग्राम
सिंह
की
उपलब्धियां
कुश्ती
- वर्ष 2003 सीनियर पुरूष वर्ग ग्रीको रोमन स्टाइल कुश्ती नेशनल में दूसरा स्थान
- वर्ष 2005 वल्डZ सीनियर चैंपियनिशप, हंगरी
- वर्ष 2006 जाेनी रेज बिग फाइव रेसलिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, साऊथ अफ्रीका
- वर्ष 2007 ऑल इंडिया ओपर रेसलिंग चैंपियनिशप में स्वर्ण पदक, दिल्ली
अवार्ड
- 2012 में वर्ल्ड बेस्ट रेसलर
- 2010 में राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता सम्मान
- 2010 में क्राउन अवार्ड, यंग मैन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से