लो अब आप के 26 विधायक हुए केजरीवाल के खिलाफ
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। आम आदमी पार्टी में एक तरफ अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी साथी मनीष सिसोदिया खड़े हैं, दूसरी तरफ हैं बाकी 26 विधायक। एक तरफ केजरीवाल और सिसोदिया बार-बार मांग कर रहे हैं कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव तुरंत कराए जाएं। वहीं बाकी के विधायक नहीं चाहते हैं कि चुनाव हों।
केजरीवाल व सिसोदिया दिल्ली में चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रेस कांफ्रेंस से लेकर धरना-प्रदर्शन सब कर रहे हैं। बताते चले कि पिछले दिल्ली विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कुल 70 में से 28 सीटों पर विजय मिली थी। चुनाव के बाद पार्टी के लक्ष्मी नगर से विधायक विनोद कुमार बिन्नी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
वहीं आम आदमी पार्टी के तमाम विधायकों की विधान सभा चुनाव कराने को लेकर अलग राय है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली विधान सभा को भंग करके यहां पर फिर से चुनाव कराने के सवाल पर पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है।
खफा हुई दिल्ली की जनता
विधायकों की राय है कि यहां पर चुनाव न कराए जाएं। चुनाव हुए तो उनका पहले की तरह से शानदार प्रदर्शन करना संदिग्ध है। उनसे दिल्ली की जनता खफा है क्योंकि केजरीवाल ने अपनी सरकार से 49 दिनों के भीतर ही इस्तीफा दे दिया। विधायकों की माने तो वे किसी भी सूरत में तुरंत चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता रहे फिरोज बख्त अहमद कहते हैं कि आम आदमी पार्टी में लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। केजरीवाल और सिसोदिया अन्य विधायकों को इंसान नहीं समझते। उन्हें बंधुआ मजदूर की तरह मानते हैं। इस कारण के चलते ही पार्टी में जबरदस्त तनाव है। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि विधायक पार्टी को छोड़ेंगे नहीं। बख्त पार्टी को केजरीवाल के कामकाज के तरीके से नाराज होकर छोड़ चुके हैं। वे मौलाना आजाद के पोते हैं।
आशुतोष-जरनैल को टिकट
इस बीच, जानकारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी आगामी दिल्ली विधान सभा चुनाव में अपने वरिष्ठ नेताओं जैसे आशुतोष और जरनैल सिंह को भी टिकट दे सकती है। यह दोनों पिछला लोकसभा चुनाव हार गए थे। हालांकि अभी इस बाबत फैसला होना है, पर पार्टी नेतृत्व मानता है कि उसे अपने जिताऊ उम्मीदवारों के बल पर ही चुनाव मैदान उतरना होगा।