छिपे ख़जाने की तलाश में यहां चल रही है खुदाई
आंध्र प्रदेश की एक गांव में एक क़िले के भीतर ख़जाना दबा होने की जानकारी पर हो रही है खुदाई.
आंध्र प्रदेश के करनूलु ज़िले का चेन्नमपल्ली गांव इन दिनों चर्चाओं में है. यहां बने 16वीं सदी के विजयनगर सम्राज्य के एक क़िले में खुदाई चल रही है.
ऐसी ख़बर है कि इस क़िले में बरसों पुराना ख़जाना दबा हुआ है. इसी ख़जाने की खोज के लिए यह खुदाई की जा रही है.
क़िले में खुदाई का यह काम राज्य खनन अधिकारियों के ज़रिए स्थानीय राजस्व और पुलिस अधिकारियों की निगरानी में पिछले दो हफ़्तों से चल रहा है.
चेन्नमपल्ली गांव में मौजूद बीबीसी के सहयोगी संवाददाता डीएल नरसिम्हा ने क़िले का दौरा और वहां के स्थानीय निवासियों और अधिकारियों से बात की.
राजस्व विभाग-पुलिस मिलकर कर रही है खुदाई
स्थानीय निवासी सबासप्पा ने बताया कि उन्हें 13 नवंबर को खुदाई के बारे में पता चला, जिसके बाद हज़ारों की संख्या में गांववासी खुदाई की जगह पर पहुंच गए.
''हमने देखा कि उस जगह पर विशेष कलेक्टर, राजस्व विभागीय अधिकारी और पुलिस के उपाधीक्षक मौजूद थे. जब हमने उनसे खुदाई के बारे में सवाल किया तो उन अधिकारियों ने बताया कि वे सिर्फ़ इसलिए खुदाई करवा रहे हैं ताकि दबे हुए खजाने से जुड़ी झूठी ख़बरों की सच्चाई सामने लाई जा सके.''
सबासप्पा ने आगे बताया, ''हमने उनसे यह भी पूछा कि वे गांववालों को सूचित किए बिना खुदाई कैसे कर सकते हैं. अगले दिन हमने इस मसले पर ग्राम सभा की, जहां 12 सदस्यों वाली कमेटी ने खुदाई ज़ारी रखने का प्रस्ताव पास किया.''
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पहले भी हो चुकी है खुदाई
एक अन्य स्थानीय निवासी अकबर वली ने बताया, ''इस जगह को छिपे हुए खजाने के लिए जाना जाता है. साल 2002 में अनंतपुर से कलेश्वर नाम का एक आदमी आया था, उसने सभी गांव वालों से यह वादा किया था कि अगर हम खजाना खोजने में उसकी मदद करेंगे तो वह सभी गांववालों को सोना देगा. हालांकि उस समय पुलिस अधिकारियों ने ऐसा करने पर रोक लगा दी थी. इस जगह पर पिछले 10-12 सालों से समय-समय पर खुदाई का काम होता रहता है.''
अकबर ने बताया कि आजतक किसी भी खुदाई से कुछ निकल कर नहीं आया.
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'अफ़वाहों को दूर करने के लिए खुदाई की'
रेवेन्यू डिविजनल इंस्पेक्टर ओबुलेसु की निगरानी में खुदाई का ताज़ा काम चल रहा है. बीबीस को ओबुलोसु ने बताया, ''ज़िलाधिकारी को इस तरह की सूचनाएं मिली थी कि यहां किले में भारी मात्रा में ख़जाना दबा हो सकता है, इसलिए इन सभी झूठी अफ़वाहों को दूर करने के मक़सद से यह खुदाई की जा रही है. इस तरह की शिकायतें भी मिली थी कि कुछ लोग रात के वक्त क़िले में खुदाई करते हैं.''
उन्होंने आगे बताया, ''यह खुदाई का काम खनन अधिनियमों के नियमों के तहत ही करवाया जा रहा है, क्योंकि पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों ने भी क़िले में कुछ खनिज संपदा होने के संकेत दिए थे.''
केंद्रीय और राज्य पुरातत्व अधिकारियों के अनुसार चेन्नमपल्ली क़िला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता इसलिए वहां होने वाली खुदाई पर वे किसी तरह का आदेश नहीं दे सकते.
पुरातत्व अधिकारी खुदाई में मिलने वाली ईटों और हड्डियों का निरीक्षण कर रहे हैं, उनसे जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे यहां पर कमिश्नर के आदेश के बाद आए हैं जिससे खुदाई में मिलने वाली चीजों की सूची तैयार की जा सके.
राज्य पुरातत्व विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर गंगाधर ने बताया कि किसी भी प्राचीन स्थल पर खुदाई करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की इज़ाजत लेना आवश्यक होता है.
इसी बीच मीडिया रिपोर्ट के अनुसार त्रिविक्रम राजू नामक एक व्यक्ति ने खुद को श्रीकृष्ण देवराय का वंशज बताया है और रेवेन्यू अधिकारियों के सामने क़िले पर अपना अधिकार भी जताया है. त्रिविक्रम राजू तेलंगाना में सिचाई विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के तौर पर काम करते हैं.