ये दो नेता प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नहीं फहरा सके लालकिले पर तिरंगा
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांचवीं बार लाल किला पर तिरंगा फहराएंगे। 72वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के बाद वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राव की बराबरी कर लेंगे, जिन्होंने 5-5 बार तिरंगा झंडा फहराया। लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने के मामले में पहला नंबर आता है देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का, जिन्हें 17 बार यह सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनके बाद नंबर आता है कि इंदिरा गांधी का, जिन्हें कुल 16 बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। तिरंगा फहराने के मामले में तीसरे नंबर पर भी कांग्रेसी नेता ही हैं- मनमोहन सिंह। इन्होंने 10 बार लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया। मनमोहन सिंह के बाद नंबर आता है अटली बिहारी वाजपेयी का। अटल बिहारी वाजपेयी लाल किले पर सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने वाले गैर कांग्रेसी पीएम हैं। उन्होंने लगातार 6 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया। वाजपेयी के बाद नंबर आता है राजीव गांधी और नरसिम्हा राव का। इन दोनों प्रधानमंत्रियों को 5-5 बार लाल पर तिरंगा फहराने का अवसर मिला, लेकिन इस देश के दो ऐसे नेता भी हैं, जो प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन लाल किले से तिरंगा फहराने का सौभाग्य इन्हें प्राप्त नहीं हुआ। इनके नाम हैं- गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर।
गुलजारी लाल नंदा तो दो बार देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन एक बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का अवसर उनको नहीं मिल सका। यूं तो चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, लाल बहादुर शास्त्री ज्यादा समय तक देश के प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहे, लेकिन इन सभी को 1-1 बार और मोरारजी देसाई को दो बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का अवसर प्राप्त हुआ।
गुलजारी लाल नंदा दो बार 13-13 दिन के लिए देश के प्रधानमंत्री पद बैठे। पहली बार 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक और दूसरी बार 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक प्रधानमंत्री रहे। पहली बार जब नंदा को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला था, तब पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ था। दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए गए, लेकिन उनके दोनों कार्यकाल उतने ही समय तक सीमित रहे जब तक कि कांग्रेस ने अपने नए नेता का चयन नहीं किया।
गुलजारी लाल नंदा के बाद नाम आता है चंद्रशेखर का। चंद्रशेखर 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक भारत के पीएम रहे और वह भी अपने कार्यकाल में तिरंगा झंडा फहराने का सौभाग्य प्राप्त नहीं कर सके।