अमित शाह ने EVM पर हंगामा कर रही 22 पार्टियों को लताड़ा, पूछे ये 6 सवाल
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना से पहले ईवीएम को लेकर विवाद थमने का नांम नहीं ले रहा है। 22 विपक्षी पार्टियों ने वीवीपीएट को लेकर चुनाव आयोग को मंगलवार को ज्ञापन सौंपा था। उनकी मांगों को बुधवार को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। वहीं केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मतगणना से एक दिन पहले ईवीएम को लेकर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईवीएम का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। उन्होंने ईवीएम का विरोध कर रही पार्टियों से सवाल पूछे हैं।
'हार से बौखलाई 22 पार्टियां'
अमित शाह ने बुधवार को सोशल मीडिया पर ईवीएम पर सवाल उठा रही पार्टियों को निशाना पर लेते हुए कहा कि ईवीएम का विरोध देश की जनता के जनादेश का अनादर है। हार से बौखलाई यह 22 पार्टियां देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवालिया निशान उठा कर विश्व में देश और अपने लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रही है। अमित शाह ने आगे विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं।
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'ईवीएम से जीतने पर सत्ता क्यों संभाली'
अमित शाह ने ईवीएम का विरोध कर रही पार्टियों से पहला सवाल पूछा कि EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों सम्भाला ?
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'सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं'
अमित शाह ने दूसरा सवाल पूछा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा PIL का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है. जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है. तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है ?
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'चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग असंवैधानिक'
अमित शाह ईवीएम का विरोध कर रही विपक्षी पार्टियों से पूछा कि मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पुर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना सम्भव नहीं है।
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'EVM पर 6 चरणों के बाद हंगामा क्यों'
अमित शाह ने चौथा सवाल पूछते हुए कहा कि विपक्ष ने EVM के विषय पर हंगामा छः चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एक्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अतः एक्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?
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VVPAT प्रक्रिया पर प्रश्न उठाना कितना उचित?
अमित शाह ने पांचवा सवाल पूछते हुए कहा कि EVM में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परन्तु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद चुनाव आयोग ने EVM को VVPAT से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया। VVPAT प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है ?
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'विपक्षी दल आपत्तिजनक बयान क्यों दे रहे हैं?'
कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने'और "खून की नदिया बहाने" जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है। विपक्ष बताये कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है?
विपक्ष की मागं EC ने की खारिज
बुधवार को चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की मतगणना से पहले वीवीपीएट-ईवीएम के मिलान की मांग खारिज कर दी। ईवीएम एवं वीवीपीएटी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक करने के बाद मंगलवार को चुनाव आयोग पहुचे थे। उन्होंने कहा था मतगणना शुरु होने से पहले चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए। इसके अलावा यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए।
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