सिर्फ हरे और भूरे रंग की क्यों होती हैं बीयर की बोतलें? पीछे है बड़ा कारण
नई दिल्ली। आपने अक्सर देखा होगा कि बीयर हरे या भूरे रंग की बोतलों में आती है। आपने देखा तो जरूर होगा, लेकिन शायद ही कभी गौर किया हो। दुनिया में अधिकतर जगह बीयर या तो हरे, या भूरे रंग की बोतलों में सर्व किया जाता है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है। पहले बीयर की कांच की पारदर्शी बोतलों में सर्व की जाती थी लेकिन फिर इसे भूरे रंग की बोतलों में परोसा जाने लगा। जानिए क्या कारण है इसके पीछे-
पहले पारदर्शी बोतलों में आती थी बीयर
बीयर दुनिया की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली ड्रिंक्स में से एक है। ये ड्रिंक पहले के समय में पारदर्शी कांच की बोतलों में ही आती थी लेकिन कुछ वक्त बाद ये देखा जाने लगा कि सूर्य की किरणों में आकर बीयर रिएक्ट कर रही है। बीयर में मौजूद एसिड जब सूर्य की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों के संपर्क में आया, तो रिएक्शन होने लगा। इससे बीयर में एक अजीब गंध आ गई और उसका स्वाद भी खराब होने लगा।
पहले चुनी गईं भूर रंग की बोतलें
इस कारण से बीयर को दूसरे रंग की बोतल में डालना जरूरी हो गया। बीयर को रखने के लिए भूरे रंग की बोतल का चयन किया गया। इस रंग की बोतल पर अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का असर नहीं होता था। इसलिए ये तय किया गया कि बोतलों को हरे रंग की बोतल में सर्व किया जाएगा। हरे रंग की बोतल के पीछे कारण है भूरे रंग की बोतलों की कमी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भूरे रंग की बोतलों की कमी हो गई, इसलिए कंपनियों को कोई दूसरा रंग ढूंढना था।
दूसरे विश्व युद्ध के चलते आईं हरी बोतलें
कंपनियों को ऐसा रंग तलाशना था जिसमें सूर्य की किरणों से बीयर को नुकसान न हो। भूरा रंग काफी गहरा होता है और वो हानिकारक किरणों को ब्लॉक कर देता है, जिससे बीयर अधिक समय के लिए फ्रेश रहती है। दूसरे विश्न युद्ध के दौरान जब भूरे रंग की बोतलों का अकाल पड़ा, तो माथापच्ची के बाद हरा रंग तय किया गया। तभी से बीयर या को हरे, या भूरे रंग की बोतलों में सर्व की जाती है।