पैरवी से वकीलों के इनकार पर जज बोले- कोई मुझे मार दे तो भी पैरवी से इंकार नहीं कर सकते
देहरादून: नैनीताल में वकील सुशील रघुवंशी की हत्या के आरोपियों की पैरवी से इनकार के कोटद्वार बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर हाई कोर्ट ने शख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन ने कहा है कि कोई मुझे गोली मारता है तो भी अदालत में आरोपितों की पैरवी करने से इनकार नहीं कर सकते हैं। इसके लिए जज ने मुंबई बम धमाके में जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब का उदाहरण देते हुए कहा कि उसे भी अदालत में पैरवी से वंचित नहीं किया गया और उसे बचाव का पूरा मौका दिया गया।
हाईकोर्ट के जज ने कहा कि आरोपित को अपना पक्ष रखने का अधिकारी है और बार एसोसिएशन का इस तरह का प्रस्ताव न्यायहित में नहीं है। इस संबंध में गुरुवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश रंगनाथन व जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने उत्तराखंड बार काउंसिल, कोटद्वारा बार एसोसिए व बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें कि यह जनहित याचिका कोटद्वार के अधिवक्ता कुलदीप अग्रवाल की तरफ से दायर की गई है। 13 सितंबर 2017 को कोटद्वार में अधिवक्ता सुशील रघुवंशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
अधिवक्ता की पत्नी रेखा ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन जब एक साल तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने टीम बनाकर आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके बाद आरोपियों जो जमानत दिलाने की पैरवी के लिए कोटद्वार के दो अधिवक्ता आए मगर बार एसोसिएशन ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद 16 मई को कोटद्वार बार एसोसिएसन ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि जो भी अधिवक्ता आरोपियों की पैरवी करेगा उसकी सदस्यता खत्म कर दी जाएगी। इससे पहले 12 मई को पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
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