अमरनाथ यात्रा: बारिश भूस्खलन के चलते 18 हजार श्रद्धालु फंसे, सेना ने लॉन्च किया राहत ऑपरेशन
जम्मू। खराब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा को शुक्रवार को भी आगे जाने की अनुमति नहीं मिली। हालांकि दूसरे दिन शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बहाल हुई लेकिन यात्रियों को आगे जाने की इजाजत नहीं मिली। कई दिनों मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से बालटाल ट्रैक पर भारी नुकसान पहुंचा है। जिस कारण से बालटाल मार्ग से यात्रा को बंद किया गया है। इस कारण से करीब 18 हजार श्रद्धालु कई जगहों पर फंसे हुए हैं।
बालटाल बेस कैंप में करीब 18000 श्रद्धालु फंसे
बालटाल बेस कैंप में अभी भी करीब 18000 श्रद्धालु फंसे हुए हैं। हजारों शिव भक्त बिना दर्शन किए वापस लौट आए हैं। वहीं आधार शिविर जम्मू से दूसरे दिन भी श्रद्धालुओं का जत्था नहीं भेजा गया। राज्यपाल के निर्देश पर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड उमंग नारोल के सीईओ ने भारतीय वायुसेना के 3 विमानों की मदद से पंजतरनी और बतटाल के बीच फंसे यात्रियों को बचाने के लिए राहत ऑपरेशन लॉन्च किए।
बालटाल ट्रैक कई जगह क्षतिग्रस्त
डिवीजनल कमिश्नर संजीव वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, अमरनाथ यात्रा के दौरान सभी धर्मशालाओं में सुरक्षा और साफ-सफाई के अच्छे इंतजाम किए गए हैं। इन केंद्रों में कम से कम 10,000 तीर्थयात्रियों हैं। सभी यात्री सुरक्षित हैं। वहीं बालटाल में भी मौसम साफ था। लेकिन ट्रैक के कई जगह क्षतिग्रस्त होने के कारण श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए नहीं भेजा गया। नीलग्रथ से पवित्र गुफा तक बालटाल हवाई ट्रैक चापर सेवा से 1314 श्रद्धालु पहुंचे। राहत की बात यह है कि यात्रा पहलगाम वाले मार्ग से जारी है। जिसके बाद श्रद्धालुओं को इस रूट पर शिफ्ट किया जा रहा है।
आधार शिविर भगवती नगर में श्रद्धालुओं की नो एंट्री
इस साल श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा में भाग लेने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या भी 73023 का आंकड़ा पार कर गई है। उधर यात्रा को लगातार रोके जाने के बाद, जम्मू के आधार शिविर भगवती नगर में श्रद्धालुओं की नो एंट्री कर दी गई है।