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महामारी, भूकंप और अब तूफान... क्या सच होने वाली हैं वर्ष 2020 के लिए की गई भविष्यवाणियां?

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नई दिल्ली। दुनिया के अंत को लेकर विभिन्न तरह की भविष्यवाणियां अक्सर सुर्खियां बनती हैं, लेकिन नवंबर, 2019 से चीन के वुहान सिटी से उभरे नोवल कोरोनावायरस नामक महामारी जनवरी, 2020 की शुरूआत से वैश्विक महामारी में तब्दील होकर अब तक पूरी दुनिया में करीब 4 लाख लोगों का जान ले चुकी है, जबकि 65 लाख से अधिक संक्रमित लोगों की जिंदगी अभी भी जद्दोजहद में हैं।

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नोवल कोरोनावायरस कृत्रिम है अथवा अथवा प्राकृतिक, इसमें संशय और विवाद हो सकते हैं, लेकिन एक के बाद एक आ रही अन्य प्राकृतिक आपदाएं, जिनमें चक्रवातीय तूफान, धरती को हिला रहे भूंकप और धरती के तापमान में उतार-चढ़ाव प्रकृति के बदलते स्वरूप और उसके रंग-रूप की ओर इशारा कर रहे हैं। इसमें दो राय नहीं है कि ये प्राकृतिक आपदाएं बिगड़ते पर्यावर्णीय संकट की निशानी है, जिसके लिए अंधाधुंध प्राकृतिक दोहन जिम्मेदार है।

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तमाम भू-वैज्ञानिक भी धऱती के भीतर बढ़ रही हलचलों के लिए अंधाधुंध प्राकृतिक दोहन को लेकर एकमत हैं। यही कारण है कि पृथ्वी पर भूकम्प, सुनामी, चक्रवात, अतिवृष्टि जैसी विध्वंसकारी घटनाओं में इजाफा होने लगा है। एक अध्ययन में सामने आया है कि वर्ष 2010 से 2019 धरती का सबसे गर्म दशक था और साल 2016 सबसे गर्म साल के रूप में रेखांकित किया गया, जबकि 2019 दूसरा सबसे गर्म वर्ष आंका गया था, जब धऱती के तापमान में 0.04 डिग्री सेल्सियस ही बढ़ा है।

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यह पृथ्वी की गर्भ में हो रही हलचल का नतीजा कहा सकता है कि पिछले छह महीनों में भारत ही नहीं, वैश्विक स्तर पर प्रकृति के स्वरूपों में तेजी से बदलाव आया है। भूकंप, सूनामी और ज्वालामुखी, चक्रवाती तूफान बड़ी आपदाओं की सूची में नत्थी की गईं हैं, लेकिन भारतीय संदर्भ में देखें तो इधर बिन मौसम बरसात, अतिवृष्टि, सूखे की परिस्थितिया, तेज गर्मी, भीषण सर्दी, मैदानी इलाकों में भारी बर्फबारी व ओले गिरने जैसी घटनाएं सवाल खड़ा करती हैं।

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घरती पर तेजी से एक के बाद एक बढ़ रही विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सीधा कारण जो समझ में आता है, उसे पर्यावरणविदों और भू-वैज्ञानिको द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन से जोड़ दिया जाता है, लेकिन वर्ष 2020 के संदर्भ में भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस और बाइबल के 'बुक ऑफ रिविलेशन' के सातवें अध्याय में वर्णित भविष्यवाणियां, जो 2020 में दुनिया के अंत की ओर संकेत करते हैं, वो धऱती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं से लेकर मानव जीवन के अस्तित्व के लिए चिंताजनक हैं।

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2020 में शुरू हो जाएगी धरती के अंत की शुरुआतः नास्त्रेदमस

2020 में शुरू हो जाएगी धरती के अंत की शुरुआतः नास्त्रेदमस

16वीं सदी के मशहूर नास्त्रेदमस ने 20 शताब्दियों के लिए बहुत सी भविष्यवाणियां की है, जिनमें से उनकी अधिकतर भविष्यवाणी अधिकतर सच साबित हुई हैं। पिछले 450 साल पहले उन्होंने जो कह दिया वो सच हो गया। कहते हैं कि नास्त्रेदेमस ऐसे इंसान थे, जिन्होंने अपनी भविष्यवाणी से विज्ञान को भी चुनौती दे दिया था, क्यों की विज्ञान भविष्य की अवधारणा को नहीं मानता लेकिन नास्त्रेदेमस की कही बातें सच हो जाती थी।

ज्यादातर भविष्यवामणियों में दुनिया खत्म होने के संकेत छिपे हैं।

ज्यादातर भविष्यवामणियों में दुनिया खत्म होने के संकेत छिपे हैं।

भविष्यवेत्ता माइकल दि नास्त्रेदमस ने ऐसी ही कई भविष्यवाणी वर्ष 2020 (Chilling predictions for 2020 ) के लिए की हैं। उनका कहना था कि साल 2020 हिंसा से भरा रहेगा। नास्त्रेदमस अपनी भविष्यवाणी में आगे कहते है कि 2020 में कई बुरी घटनाएं देखने को मिलने वाली है। यानी नास्त्रेदमस ने 2020 के लिए जो भविष्यवाणियां की हैं, उसमें ज्यादातर उनकी भविष्यवामणियों में दुनिया खत्म होने के संकेत छिपे हैं।

2020 में इस सदी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट भी आएगा

2020 में इस सदी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट भी आएगा

नास्त्रेदमस ने माना है कि 2020 में एक नए युग की शुरुआत होगी। कई देश आपस में लड़ के खत्म हो जाएगें। इसके साथ ही 2020 में इस सदी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट भी आएगा। कोरोनावायरस महामारी प्रेरित लॉकडाउन ने पूरे विश्व को आर्थिक संकट में धकेड़ दिया है, जिससे उबरने में काफी वक्त लग सकता है। यही नहीं, चीन और अमेरिका की आपस में व्यापार युद्ध की आहट तीसरे विश्वयुद्ध का संकेत कर चुके हैं।

नास्त्रेदमस की की मानें तो साल 2020 में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है

नास्त्रेदमस की की मानें तो साल 2020 में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है

नास्त्रेदमस की की मानें तो साल 2020 में तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है। दुनिया के बड़े शहरों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जाएंगे और लोग खुलकर सड़कों पर उतरेंगे। इतना ही नहीं नास्त्रेदमस ने 2020 को एक बहुत ही हिंसक साल बताया है। उनके भविष्यवाणी के मुताबिक इसी साल कई बड़े राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों की हत्या अथवा उनकी बड़ी बीमारी से मौत भी हो सकती है।

यहूदी परिवार में जन्में भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस का परिवाई ईसाई बन गया था

यहूदी परिवार में जन्में भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस का परिवाई ईसाई बन गया था

फ़्रांस के यहूदी परिवार में जन्में भविष्यवेत्ता नास्त्रेदमस के जन्म से पहले ही उनके परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया था। माना जाता है कि प्लेग की महामारी में नास्त्रेदमस का परिवार खत्म हो गया। नास्त्रेदमस के बारे में कहा जाता है कि वह रात में घंटों तिपाई पर पानी से भरे पीतल के पात्र में भविष्य की घटनाओं को देखते थे। बाद में उन्होंने इन घटनाओं को लिखा, जिसे साल 1555 में ‘सेंचुरीज' नाम की क़िताब में दर्ज़ किया गया।

बाइबल के 'बुक ऑफ रिविलेशन' में 2020 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी?

बाइबल के 'बुक ऑफ रिविलेशन' में 2020 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी?

बाइबल के 'बुक ऑफ रिविलेशन' के सातवें अध्याय में वर्ष 2020 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की गई है। रिविलेशन में अध्याय को सील कहा गया है। इसके 5 से 8 अध्याय में जॉन ऑफ पोटेमस ने धरती पर होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी की थी। धार्मिक गुरू ग्रेग सेरेडा भी 'बुक ऑफ रिविलेशन' में लिखी बातों से इत्तेफाक रखते हैं। ग्रेग सेरेडा का कहना है कि इस किताब की सातवीं सील खुलने में थोड़ा ही वक्त बाकी है और इस सील के खुलते ही निश्चित ही दुनिया का सर्वनाश होगा।

'बुक ऑफ रिविलेशन के अनुसार हम अभी छठी सील में जी रहे हैं।

'बुक ऑफ रिविलेशन के अनुसार हम अभी छठी सील में जी रहे हैं।

'बुक ऑफ रिविलेशन के अनुसार हम अभी छठी सील में जी रहे हैं। सातवीं सील खुलते ही धरती से मानव जाति का नाम मिट जाएगा।' सेरेडा का अनुसार सातवीं सील में जीसस के आने का जिक्र किया गया है, जबकि पांचवीं सील में आदिम युग की बात की गई है, जिसका मतलब जिस युग में हम जी रहे हैं 'बुक ऑफ रिविलेशन' के अनुसार वो छठी सील है। बुक ऑफ रिविलेशन की छठी सील (6:12-6:13) में जोरदार भूकंप आने की भविष्यवाणी की गई है।

1 नवंबर 1755 को लिस्बन में आया खतरनाक भूकंप है सबसे बड़ा सबूत

1 नवंबर 1755 को लिस्बन में आया खतरनाक भूकंप है सबसे बड़ा सबूत

गत 1 नवंबर 1755 को लिस्बन में आया खतरनाक भूकंप इसका सबसे बड़ा सबूत है। इस भूकंप ने 4 मील स्क्वायर में बसी जिंदगियों को तबाह कर दिया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.5-9.0 मापी गई थी। इस भूकंप के 40 मिनट बाद ही भयानक सूनामी आई और 50 फीट ऊंची सूनामी का खौफ सदियों तक लोगों के दिल से नहीं निकल पाया।इस ऐतिहासिक भूकंप और सूनामी के कारण करीब एक लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।

जब उत्तरी अमेरिका में आसमान 4 घंटे के लिए आग जैसा नजर आने लगा था

जब उत्तरी अमेरिका में आसमान 4 घंटे के लिए आग जैसा नजर आने लगा था

सेरेडा कहते हैं, 'लिस्बन में आए भूकंप के 25 साल बाद न्यू इंग्लैंड में सुबह करीब 8 बजे 'बुक ऑफ रिविलेशन' की भविष्यवाणी सच हुई थी। इस दौरान दिन के उजाले में ही सूरज का रंग काला पड़ गया था और चारों ओर घना अंधेरा छाने लगा था। इसका एक और उदाहरण 13 नवंबर 1933 को नॉर्थ अमेरिका में देखने को मिला था। यह वो तारीख थी जब उत्तरी अमेरिका में आसमान चार घंटे के लिए आग जैसा नजर आने लगा था।

2020 में लोगों को चेतावनी देते हुए यूट्यूब पर यह वीडियो शेयर किया

2020 में लोगों को चेतावनी देते हुए यूट्यूब पर यह वीडियो शेयर किया

सेरेडा ने 2020 में लोगों को चेतावनी देते हुए यूट्यूब पर यह वीडियो शेयर किया था, जिसमें उनका कहना है कि रिवेलिशन की छठी सील में लिखी सभी बातें सच होती जा रही हैं। सातवीं सील में जीजस के लौटने से पहले यह सब एक बार फिर हो सकता है।

Comments
English summary
Novel coronavirus is artificial or or natural, there may be doubts and controversies, but other natural disasters are one after another, including cyclonic storms, earth shaking earthquakes, and the fluctuations in the temperature of the nature and Are pointing to its look. There is no doubt that these natural disasters are a sign of deteriorating environmental crisis, for which indiscriminate natural exploitation is responsible.
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