महामारीः बच्चों को दिया जाने वाला टीका बुजुर्गों के आ सकता है काम, ICMR शोध में हुआ खुलासा
नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि बुजुर्गों को बच्चों को दिया जाने वाला बीसीजी (बेसिलस कैलमेटेग्यूरेन) टीका जानलेवा नोवल कोरोनावायरस संक्रमण से बुजुर्गों को बचा सकता है। शोध के मुताबिक बीसीजी टीका बुजुर्गो में बढ़ी हुई और अनुकूलित जन्मजात प्रतिरक्षा को प्रेरित करता है, जो कोरोना के खिलाफ बुजुर्गों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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आईसीएमआर ने एक ट्वीट में कहा कि आईसीएमआर वैज्ञानिकों ने पाया कि बीसीजी टीका बुजुर्गों में मेमोरी सेल प्रतिक्रियाओं और एंटीबॉडी उत्पादन को प्रेरित करता है। अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं ने पाया कि बीसीजी टीका स्वस्थ बुजुर्गों में प्राकृतिक और अनुकूली प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। दरअसल, तपेदिक रोग से निपटने के लिए डिजाइन किए गए बीसीजी टीके ने कुछ सबूत दिए हैं कि इसका उपयोग अन्य संक्रमणों से सुरक्षा के लिए किया जा सकता है।
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गौरतलब है एक रिपोर्ट के हवाले से बीबीसी ने कहा था कि ब्रिटेन में वैज्ञानकों ने दशको पहले विकसित बीसीजी वैक्सीन का परीक्षण करना शुरू कर दिया है ताकि यह देखा जा सके कि कोरोना संक्रमण को कमजोर करने के लिए इसका प्रभावी रूप से उपयोग किया जा सकता है या नहीं। हालांकि हाल में किए गए अनुसंधानों से संकेत मिलता है कि बीसीजी टीकाकरण ने कोरोनावायरस से उच्च सुरक्षा के लिए प्रेरित किया।
उल्लेखनीय है महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में लोग कोरोना के प्रभावों को कम करने के लिए बीसीजी टीका ले रहे हैं, क्योंकि नोवल कोरोनावायरस के लिए संभावित टीका अभी बाजार में उपलब्ध नहीं हो पाया है। दुनियाभर में अभी कई दवा कंपनियां कोरोना के खिलाफ एंडीडोज बनाने में लगी हुई हैं। संभावना जताई गई हैं कि कोरोना के खिलाफ संभावित वैक्सीन 2021 की शुरूआत में भारत और दुनिया के लिए उपलब्ध हो सकती है।
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