Lockdown: EPFO ने कंपनियों को दी बड़ी छूट, EPF जमा करने में देरी पर नहीं लगेगी पेनल्टी
Lockdown: EPFO ने कंपनियों को दी बड़ी छूट, EPF जमा करने में देरी पर नहीं लगेगी पेनल्टी
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कंपनियों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया हैं। इस फैसले के अनुसार लॉकडाउन के दौरान कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) के कंट्रीब्यूशन में देरी पर कोई जुर्माना यानी कि पेनल्टी नहीं लगाया जाएगा। मालूम हो कि देश में पिछले मार्च से चल रहे लॉकडाउन की वजह से कंपनियां कैश की कमी से जूझ रही हैं ऐसे में कंपनियों के लिए ये बड़ी खबर हैं। मालूम हो कि इससे 650,000 कंपनियों को लाभ मिलेगा।
ईपीएफओ के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर ने दी ये जानकारी
ईपीएफओ के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर सुनील बर्थवाल ने एक वेबिनार ने कंपनियों के लिए ये बड़ी राहत भरी खबर सुनाते हुए कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान किसी भी कंपनी पर देरी से भुगतान की वजह से जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
देरी करने पर कंपनी को डिफॉल्टर नहीं माना जाएगा
बता दें श्रम और रोजगार मंत्रालय के बयान के अनुसार लॉकडाउन के दौरान EPF योगदान या प्रशासनिक शुल्क जमा करने में होने वाली देरी के लिए ईपीएफओ द्वारा कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। ऐसी देरी करने पर कंपनी को डिफॉल्टर नहीं माना जाएगा। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कंपनियां लॉकडाउन के कारण नुकसान होने से व्यथित हैं और सामान्य रूप से काम करने में असमर्थ हैं इसको ध्यान में रखते हुए ये छूट दी जा रही हैं।
लॉकडाउन में ईपीएफओ ने दी ये सुविधा
गौरतलब हैं कि लॉकडाउन में आर्थिक तंगी से उबारने के लिए ईपीएफओ ने अपने खाताधारकों को 30 जून तक की अवधि के दौरान ईपीएफ बैलेंस के 75 प्रतिशत या तीन महीने के मूल वेतन से कम धनराशि निकालने की अनुमति प्रदान की है। इस दौरान पांच साल से कम पुराने ईपीएफ खातों पर स्त्रोत पर टीडीएस और अन्य करों पर भी छूट दी जाएगी। नियोक्ताओं को महीने की सैलरी पर EPF में अपना भुगतान अगले महीने की 15 तारीख तक करना होता है। वैसे इसके बाद उन्हें 10 दिन का अतिरिक्त समय मिलता है। 15 मई को EPFO के फील्ड अधिकारियों के लिए एक सर्कुलर जारी हुआ है कि ऐसे मामलों में किसी तरह के जुर्माने की कोई कार्यवाही शुरू न की जाए। EPF में कवर होने वाली 6.5 लाख संस्थाओं के लिए नियम आसान होंगे।
650,000 कंपनियों को मिलेगा लाभ
सरकार ने कहा कि इस फैसले से लगभग 650,000 कंपनियों के लिए अनुपालन मानदंडों में कमी आएगी, जो श्रमिकों के ईपीएफ योगदान "और उन्हें दंडात्मक क्षति के कारण देयता से बचाते हैं।" इस कदम से कंपनियों को अपने कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान में देरी करने की पूरी छूट मिल जाएगी ईपीएफओ के सीईओ ने नियोक्ताओं से कहा कि श्रमिकों को ईपीएफ योगदान में कटौती के लाभों पर पारित करें। बता दें वर्तमान में, कम से कम 20 लोगों को काम पर रखने वाली फर्मों को अपने कर्मचारियों के लिए ईपीएफ योगदान देना आवश्यक है। जबकि 12 प्रतिशत वेतन नियोक्ता के हिस्से के रूप में जाता है, 12 प्रतिशत कर्मचारी के हिस्से के रूप में जमा किया जाता है। सरकार ने तीन महीने की अवधि के लिए योगदान की दर को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2.3 मिलियन कर्मचारियों ने महामारी की स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा दी गई एक विशेष निकासी के माध्यम से अपनी ईपीएफ बचत के 8,000 करोड़ रुपये वापस ले लिए हैं। श्रमिक अपनी बचत का 75 फीसदी या अधिकतम तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते को अपने पीएफ खाते से निकाल सकते हैं।