एक शो में फराह खान ने बताया क्यों 'मैं हूं ना' में मुसलमान नहीं, हिंदू को बनाया था आतंकी विलेन
मुंबई। फिल्ममेकर फराह खान ने अपनी डेब्यू फिल्म 'मैं हू ना' को लेकर बड़ा बयान दिया है। फराह ने कहा है कि उन्होंने फिल्म बनाते समय यह बात सुनिश्चित की थी कि मुख्य विलेन मुसलमान न हो। फराह ने यह बयान पोडकास्ट 'पिक्चर के पीछे' पर बातचीत के दौरान किया। फराह ने 'मैं हू ना' से बॉलीवुड में बतौर डायरेक्ट डेब्यू किया था। सफल कोरियोग्राफर फराह को इस फिल्म ने इंडस्ट्री में नई पहचान दी थी। उनके इस नए खुलासे पर विवाद होगा इतना तो तय है मगर अभी तक फराह की तरफ से इस बयान से अलग कोई टिप्पणी नहीं आई है।
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राघवन बने सुनील शेट्टी थे मुख्य विलेन
'मैं हूं ना' में मेन लीड में शाहरुख खान थे जिन्होंने मेजर राम प्रसाद शर्मा का रोल अदा किया था। सुनील शेट्टी फिल्म के मुख्य विलेन थे जिनका नाम फिल्म में राघवन होता है। फराह के मुताबिक यह उनका सोचा-समझा निर्णय था कि एक मुसलमान विलेन नहीं होगा। प्रेस रिलीज के मुताबिक फराह ने कहा, 'वह नहीं चाहती थी कि उनकी फिल्म का विलेन मुस्लिम हो।' सिर्फ इतना ही नहीं फराह ने विलेन का दायां हाथ जिस व्यक्ति को चुना उसका नाम खान था। इस व्यक्ति को अहसास होता है कि उसे पूरी जिंदगी गलत दिशा में चलने के लिए प्रेरित किया गया था और इस वजह से उसने अपने देश की जगह आतंकवाद को चुना।
आतंकी बन जाते हैं राघवन
फिल्म में सुनील शेट्टी एक ऐसे रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर होते हैं जो आतंकवादी बन जाते हैं। राघवन बने सुनील को पसंद नहीं आता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति को आगे ले जाने के लिए द्विपक्षीय वार्ता हो रही है और वह इसे बाधा डालने की साजिश करते हैं। मगर मेजर राम प्रसाद शर्मा उनके इस प्लान को फेल कर देते हैं। राघवन के दांये हाथ रहे कैप्टन खान इस बारे में इंटेलीजेंस देते हैं और फिर सारा प्लान चौपट हो जाता है। कैप्टन खान का किरदार मुरली शर्मा ने अदा किया है। यह फिल्म साल 2004 में रिलीज हुई थी। फराह की मानें तो खान जो कि मुसलमान है वह जानकारी देकर देश के प्रति अपनी ईमानदारी का को साबित करता है।
भारत-पाकिस्तान के संबंध फिल्म का प्लॉट
फराह की इस फिल्म का सब्जेक्ट युद्धबंदियों पर था। उन्होंने इसके जरिए भारत-पाकिस्तान के बीच राजनीतिक रिश्तों को दिखाने की कोशिश की थी। फिल्म में दिखाया गया था कि दोनों देशों की सरकारों ने आपसी संबंधों को बेहतर करने के लिए 'प्रोजेक्ट मिलाप' लॉन्च किया था। इसके जरिए दोनों देश युद्धबंदियों को रिहा कर शांति कायम करने पर राजी होते हैं। फराह की यह फिल्म साल 2004 की ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई थी और इसने करीब 84 करोड़ का बिजनेस किया था। फराह की इस फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, सुष्मिता सेन, जायद खान और अमृता राव बड़ी भूमिकाओं में थे।
ऋतिक रोशन को फिल्म में चाहती थीं फराह
फराह ने बताया कि उन्हें फिल्म में लक्ष्मण प्रसाद शर्मा यानी लकी के रोल के लिए हीरो तलाशने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने उस समय ऋतिक रोशन से इस बारे में बात की थी मगर फिल्म 'कहो ना प्यार है' की सुपरहिट सक्सेस के बाद ऋतिक दो हीरों वाली फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे। उन्होंने अभिषेक बच्चन और सोहेल खान के नाम पर भी सोचा। अंत में रोल जायद खान के हिस्से गया था। ऐसी खबरें भी आई थीं कि फराह 'मैं हूं ना 2' यानी इसके सीक्वेल पर भी काम कर रही हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने शुरुआत में इस पर विचार किया था। फराह सीक्वेल में मेजर राम को 15 साल बाद एक और मिशन पर भेजना चाहती थीं। लेकिन फिर उन्होंने आइडिया ड्रॉप कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि लोगों को नई कहानियां सुनानी चाहिए।