वेंकैया नायडू बोले- अंग्रेजों ने हमें आर्थिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप...
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने भाषा पर बात करते हुए कहा है कि 'अंग्रेजी दिमाग' एक बीमारी है न कि भाषा। उन्होंने कहा कि देश को अपनी समृ्द्ध विरासत पर गर्व होना चाहिए। नायडू का बयान उनकी कुछ टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में आया है। दरअसल मीडिया के कुछ हिस्सों ने कथित तौर पर कहा था था कि नायडू ने नई दिल्ली में आयोजित हिंदी दिवस समारोह के दौरान कहा था कि अंग्रेजी एक बीमारी है जिसे अंग्रेज छोड़कर चले गए हैं।
उपराष्ट्रपति अपने इस पर कहा है कि कही में अपनी मातृभाषा की रक्षा और उसको प्रोत्साहित करने के बारे में बात कर रहा था तो मीडिया के कुछ वर्गों ने लिखा था कि मैंने कहा है कि अंग्रेजी एक बीमारी है। जबकि मैंने ऐसा कहा ही नहीं कि अंग्रेजी एक बीमारी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंग्रेजी एक बीमारी नहीं है लेकिन इंग्लिश माइंड जरूर एक बीमारी है। जो अंग्रेजों से हमे विरासत में मिला है। नायडू ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोवा (एनआईटी गोवा) के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा अंग्रेजों ने छोड़ा जरूर है लेकिन उन्होंने एक जटिल बना दिया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंग्रेजों का यह मानना है कि ब्रिटिशर महान है, विदेशी महान हैं, हम कुछ नहीं है।
हमें
अपने
देश
के
महान
नेताओं
पर
गर्व
करना
चाहिए
उपराष्ट्रपति
ने
कहा
कि
हमें
इस
मानसिकता
से
बाहर
आना
चाहिए।
हमें
अपनी
विरासत,
हमारे
अतीत
और
इस
देश
के
महान
नेताओं
पर
गर्व
करना
चाहिए।
नायडू
ने
कहा
कि
भारत
ने
कभी
भी
किसी
देश
पर
हमला
नहीं
किया
लेकिन
आक्रमणकारियों
ने
बर्बाद
किया
था।
उपराष्ट्रपति
ने
कहा
कि
वे
(आक्रमणकारियों)
ने
हम
पर
शासन
किया,
हमें
बर्बाद
कर
दिया।
न
केवल
उन्होंने
हमें
आर्थिक
रूप
से
बर्बाद
किया
बल्कि
मानसिक
रूप
से
भी
हमें
बर्बाद
किया।
कुछ
लोग
उस
बीमारी
से
पीड़ित
है।
उन्होंने
जोर
देते
हुए
कहा
कि
हम
भारतीयों
को
अपने
जड़े
वापस
हासिल
करनी
चाहिए।
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