इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र, बिहार और यूपी सरकार को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से मरने वालों बच्चों की संख्या 130 तक पहुंच गई है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। सुप्री कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश, बिहार और केंद्र सरकार को इंसेफलाइटिस से बच्चों की मौत को लेकर नोटिस जारी किया। कोर्ट ने सात दिन के भीतर इनसे हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने अपने नोटिस में केंद्र्, बिहार और यूपी सरकार से पूछा कि इंसेफलाइटिस से हो रहे बच्चों की मौत की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इनसे कोर्ट में इंसेफलाइटिस से पीड़ित बच्चों के सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता से संबंधित सुविधाओं का विवरण मांगा है। सात दिन के भीतर सरकारों से हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार दिमागी बुखार के 5-35 फीसदी मामले जापानी बुखार वायरस के कारण होते हैं।
130 पहुंचा मौत का आंकड़ा आंकड़ा
बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) की वजह से होने वाली बच्चों की मौत रुक नहीं रही है। इस बीमारी से मरने वाले लोगों की संख्या 130 हो गई है। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) में अब तक 110 बच्चों की मौत हो गई है। वहीं मुजफ्फरपुर के केजरीवाल हॉस्पिटल में भी 20 बच्चों की मौत चमकी बुखार के वजह से हो गई है।
नीतीश सरकार निशाने पर
चमकी बुखार की वजह से बच्चों की मौत के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार सवालों के घेरे में है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। । बिहार की नीतीश सरकार ने पहली बार चमकी बुखार के संबंध में कार्रवाई करते हुए एसकेएमसीएच अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन को सस्पेंड कर दिया है।
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