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EMISAT: इसरो का इलेक्‍ट्रॉनिक इंटेलीजेंस सैटेलाइट अंतरिक्ष से रखेगा दुश्‍मन की मिसाइल पर नजर, सेना को मिलेगी मदद

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श्रीहरिकोटा। सोमवार को इंडियन स्‍पेस एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इलेक्‍ट्रॉनिक इंटेलीजेंस सैटेलाइट एमीसैट को लॉन्‍च किया। इस सैटेलाइट के साथ 28 नैनो सैटेलाइट्स भी लॉन्‍च हुए हैं। कुछ दिनों पहले भारत ने मिशन शक्ति अभियान के साथ ही अतंरिक्ष में एक नया कीर्तिमान बनाया है। अब इस नई लॉन्चिंग के साथ ही न सिर्फ इसरो को एक और कामयाबी मिली है बल्कि इसरो की सफलता भारतीय सेना के लिए भी काफी मददगार होने वाली है। यह सैटेलाइट ऐसे समय में लॉन्‍च हुआ है जब पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍ते तनावपूर्ण है।

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मिशन शक्ति के छठें दिन लॉन्‍च एमीसैट

मिशन शक्ति के छठें दिन लॉन्‍च एमीसैट

एमीसैट सैटेलाइट का लॉन्‍च मिशन शक्ति के लॉन्‍च के छठें दिन हुआ है। भारत ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (एसैट) मिसाइल को मिशन शक्ति ऑपरेशन के तहत लॉन्‍च किया था। पीएसएलवी-सी45 की मदद से लॉन्‍च एमीसैट के जरिए भारत को एक नया सर्विलासं सैटेलाइट मिला है। रविवार को सुबह 6:27 मिनट पर इसका काउंटडाउन शुरू हुआ था। इसरो का श्रीहरिकोटा से यह 71वां लॉन्‍च व्‍हीकल मिशन था। एमीसैट के साथ ही देश की आम जनता को भी पहली बार मौका मिला था कि वह किसी सैटेलाइट के लॉन्‍च को लाइव देख सके।

एमीसैट है एक लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट

एमीसैट है एक लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट

एमीसैट एक लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट है जिसका वजन 436 किलोग्राम है। यह सैटेलाइट दुश्‍मन की सीमा के अंदर तक मौजूद किसी रडार की लोकेशन के बारे में जानकारी देगा। इसके अलावा रडार पर नजर भी रखेगा। भारत अभी तक एयरप्‍लेंस यानी अर्ली वॉर्निंग प्‍लेटफॉर्म्‍स को इसके लिए प्रयोग कर रहा था। लेकिन यह सैटेलाइट अंतरिक्ष आधारित प्‍लेटफॉर्म होगा जो दुश्‍मन के रडार का पता लगा पाएगा। इस मिशन के साथ इसरो ने पहली बार तीन ऑर्बिट्स में पेलोड्स को स्‍थानांतरित किया है। इसके अलावा पहली बार स्‍पेस में कुछ प्रयोगों को अंजाम दिया है।

एसैट के मलबे से होकर गुजरना पड़ा एमीसैट को

एसैट के मलबे से होकर गुजरना पड़ा एमीसैट को

इसरो के चेयरमैन के सिवान ने कहा, 'इस मिशन के जरिए इसरो तीन ऑर्बिट्स में पलोड्स प्‍लेस करने के अलावा स्‍पेस एक्‍सपेरीमेंट्स को भी अंजाम दे रहा है। उन्‍होंने बताया कि दरअसल मिशन पीएसएलवी सी-45 है। यह मिशन इसलिए स्‍पेशल है क्‍योंकि पहली बार पीएसएलवी का एक सिंगल फ्लाइट में कोई थ्री-ऑर्बिट मिशन होगा।' पीएसएलवी के इस लॉन्‍च को एसैट के खत्‍म हुए एक पुराने सैटेलाइट के 300 टुकड़ों के मलबे से होकर गुजरना पड़ा। विशेषज्ञों के मुताबिक इस वजह से टकराने का खतरा भी काफी बढ़ गया है।

28 छोटे सैटेलाइट्स भी हुए लॉन्‍च

28 छोटे सैटेलाइट्स भी हुए लॉन्‍च

इस लॉन्‍च के साथ ही पीएसएलवी अपने साथ अमेरिका, स्विट्जरलैंड, लिथुआनिया और स्‍पेन के 28 छोटे सैटेलाइट को भी लेकर गया है। इसमें 20 फ्लॉक-4ए सैटेलाइट्स और 4 लेमुर सैटेलाइट्स हैं जो उसी प्रकार हैं जिन्‍होंने बालाकोट एयरस्‍ट्राइक के बाद कुछ तस्‍वीरों को जारी किया था जिन पर पिछले दिनों काफी विवाद हआ था।

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English summary
ISRO satellite electronic intelligence satellite EMISAT to help Indian Army in a big way as this satellite can locate enemy radar.
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