दारुल उलूम का नया फतवा, 'ईद में गले मिलना इस्लाम का नियम नहीं'
नई दिल्ली। आज देशभर में ईद-उल-फितर (Eid-Ul-Fitr) का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ईद की बधाई दी है। देशभर में मस्जिदों में आज नमाज अदा की जा रही है। इस बीच ईद के मौके पर इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद के एक नए फतवे पर विवाद खड़ा हो गया है।
'ईद पर गले मिलना इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं'
दारुल उलूम के इस फतवे में कहा गया है कि ईद के त्योहार के दौरान एक-दूसरे से गले मिलना इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं है। दरअसल, पाकिस्तान के एक शख्स ने दारुल उलूम से सवाल किया था कि क्या हजरत मोहम्मद साहब के जीवनकाल में किए गए कार्यों से यह साबित होता है कि ईद के दिन गले मिलना अच्छा है? इस शख्स ने पूछा था कि अगर कोई गले मिलना चाहे तो क्या गले लगना चाहिए।
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पाकिस्तानी शख्स ने किया था सवाल
पाकिस्तानी शख्स के इस सवाल के जवाब में देवबंद के मुफ्तियों ने कहा कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसे प्यार और विनम्रता के साथ रोक देना चाहिए। हालांकि दारूल के मुफ्तियों ने ये भी कहा है कि किसी से बहुत दिनों के बाद मुलाकात हुई तो गले मिलने में कोई हर्ज नहीं है। बता दें कि आज देश भर में ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है।
देश भर में ईद की धूम, पीएम और राष्ट्रपति ने दी बधाई
मंगलवार शाम को ईद का चांद नजर आया, जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने ऐलान किया कि भारत में ईद बुधवार को मनाई जाएगी। ईद उल-फितर मुस्लिम समाज रमज़ान उल-मुबारक के एक महीने के बाद मनाते हैं, इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शुरू होता है। मुसलमानों का त्योहार ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को ईद की बधाई दी और कहा, 'रमजान के पवित्र महीने के समापन को चिह्नित करते हुए यह त्योहार दान, बंधुत्व और करुणा में हमारे विश्वास को मजबूत करता है।'