निजी बैंकों में सरकारी व्यवसाय पर लगी रोक हटी, पेंशन-टैक्स और राजस्व से जुड़ी सेवाओं की मिली मंजूरी
नई दिल्ली: भारत सरकार ने निजी बैंकों पर सरकार से संबंधित बैंकिंग कामकाज पर लगी रोक हटा ली है। पहले कुछ ही निजी बैंकों को यह सुविधा दी गई थी। इसका असर ये होगा कि अब निजी क्षेत्र के बैंक भी टैक्स, राजस्व भुगतान वाली सुविधाएं,पेंशन का भुगतान और छोटी बचत जैसी योजनाएं चला सकेंगे। यह जानकारी वित्तीय सेवा विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है। मोदी सरकार की ओर से किए गए इस बड़े ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया है, "निजी बैंक (प्राइवेट बैंक) अब सरकारी बैंकों (पब्लिक सेक्टर बैंक) के साथ देश के विकास में बराबर के साथी बनेंगे। निजी बैंकों के ऊपर सरकारी व्यवसाय पर लगी रोक (एंबार्गो) हटी। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं मिलेंगी। सरकार के सामाजिक और वित्तीय समावेश योजनाओं में निजी बैंक भी भागीदार होंगे।"
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अब
निजी
बैंकों
में
भी
होगा
सरकारी
काम
सरकारी
बयान
में
कहा
गया
है
कि
इस
कदम
से
उपक्ताओं
की
सुविधाएं
और
बेहतर
होने,
प्रतियोगिता
बढ़ने
और
उपभोक्ता
से
जुड़ी
सेवाओं
का
स्टैंडर्ड
और
ज्यादा
प्रभावी
होने
के
आसार
हैं।
बैंकिंग
सेक्टर
में
नई
तकनीकों
को
लागू
करने
और
इनोवेशन
के
क्षेत्र
में
प्राइवेट
बैंक
आगे
रहे
हैं।
नए
कदम
से
वो
भी
भारतीय
अर्थव्यवस्था
के
विकास
और
सरकार
की
ओर
से
सोशल
सेक्टर
के
क्षेत्र
में
किए
जा
रहे
पहलों
में
अब
बराबर
के
हिस्सेदार
होंगे।
इस
रोक
के
हट
जाने
के
बाद
अब
आरबीआई
पर
सरकार
एजेंसियों
समेत
सरकारी
कार्यों
में
प्राइवेट
सेक्टर
के
बैंकों
को
मंजूरी
देने
पर
किसी
तरह
की
पाबंदी
नहीं
रहेगी।
सरकार
ने
अपने
फैसले
से
रिजर्व
बैंक
को
अवगत
करा
दिया
है।
दरअसल, मोदी सरकार ने इस साल के बजट में ही संकेत दे दिए हैं कि वह 'मिनिमम गवर्मेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस' की नीतियों पर चलते हुए सरकार के कामकाज के दायरे को उन क्षेत्रों में सीमित करेगी, जिसमें निजी प्लेयर भी बेहतर रोल निभा सकते हैं। और यह फैसला उसी नीति का हिस्सा लग रहा है।