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मार्च 2019 तक हर घर में होगी बिजली, जानिए सरकार का प्लान

बिजली की कटौती को अपराध माना जाएगा और कंपनियों को इसके लिए सजा मिलेगी

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार 2019 से पहले देश के हर घर में चौबीसों घंटे बिजली देने की अपनी योजना को अमली जामा पहचाने में जुट गई है। गुरुवार को बिजली मंत्री आर के सिंह की अध्यक्षता में राज्यों के बिजली मंत्रियों की बैठक में मार्च, 2019 तक पूरे देश में चौबीसों घंटे बिजली देने की योजना का एजेंडा तैयार किया गया। एजेंडे के तहत राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को यह सुनिश्चित करना होगा कि बिजली कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों को चौबीसों घंटे बिजली भी मिले। ऐसा नहीं करने पर डिस्कॉम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।

बिजली की कटौती को अपराध माना जाएगा

बिजली की कटौती को अपराध माना जाएगा

राज्यों में बिजली आपूर्ति का पूरा बिल नहीं भेजने वाली बिजली वितरक कंपनियों (डिस्कॉम्स) के भ्रष्टाचार को खत्म करने की जरूरत बताते हुए केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह ने गुरुवार को कहा कि इस दिशा में कार्रवाई करने में विफल रहने से सबको निर्बाध रूप से बिजली की प्रदान करने की सरकार की योजना गंभीर खतरे में पड़ जाएगी। सिंह ने कहा कि बिजली की कटौती को अपराध माना जाएगा और कंपनियों को इसके लिए सजा मिलेगी। राज्यों से आए ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आर. के. सिंह ने कहा कि कई राज्यों में बिजली वितरक कंपनियों की ओर से आपूर्ति की जा रही तकरीबन 45-55 फीसदी बिजली का बिल नहीं भेजा जाता है और इस घाटे को दूर करने के लिए केंद्र की ओर से जल्द ही प्रीपेड यानी पूर्व भुगतान और स्मार्ट मीटरिंग को अनिवार्य बनाने की व्यवस्था शुरू की जाएगी।

 भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 में परिवर्तन का प्रस्ताव लाया जाएगा

भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 में परिवर्तन का प्रस्ताव लाया जाएगा

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस कार्यप्रणाली में मानवीय भूमिका को समाप्त कर उसकी जगह उपभोक्ताओं की मदद के लिए प्रीपेड प्रणाली और स्मार्ट मीटरिंग के साथ-साथ 15 फीसदी की शुल्क-नीति में वितरक कंपनियों के घाटे में लेनदारी के लिए अनुमति योग्य अधिकतम सीमा करते हुए भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 में परिवर्तन का प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैनुअल मीटर रीडिंग की कोई व्यवस्था ही नहीं रहेगी। हम मानवीय भूमिका को समाप्त कर देंगे और उपभोक्ता मोबाइल के जरिये अपने व्यय के अनुरूप बिजली का भुगतान करेंगे। बड़े उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर होंगे, जिसका अंकेक्षण फीडर स्तर पर होगा।"

बिजली चोरी और वितरण से होने वाली हानि का स्तर 15 फीसद से कम हो

बिजली चोरी और वितरण से होने वाली हानि का स्तर 15 फीसद से कम हो

वैसे सरकार यह बात बखूबी समझ रही है जहां चार करोड़ घरों में अभी भी बिजली कनेक्शन नहीं है वहां हर घर को हर वक्त बिजली देने की राह में कई बाधाएं है। लेकिन इन बाधाओं को दूर करने के लिए कई दूरगामी प्रभाव वाले फैसले किये गये हैं। इसमें एक फैसला है कि हर राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि मार्च, 2019 तक उनके यहां बिजली चोरी और वितरण से होने वाली हानि का स्तर 15 फीसद से कम हो। अभी कई राज्यों में यह 30 फीसद से ज्यादा है। उत्तर प्रदेश व बिहार जैसे राज्यों में सबसे ज्यादा टीएंडडी हानि होती है। बिजली मंत्री ने उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र में किये जा रहे सुधार पर वहां के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा की तारीफ भी की। हर घर को बिजली देने में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम होगी। नई सरकार आने के बाद वहां 21 लाख नए कनेक्शन दिए गये हैं लेकिन अभी भी 1.57 करोड़ घरों को अभी कनेक्शन देने का काम करना होगा।

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English summary
Electricity distribution companies must ensure 24x7 supply by March 2019: RK Singh
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