क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बिहार में चालू है चुनावी दांव-पेंच का खेल, बगैर लालू पटरी से धीरे-धीरे उतर रही महागठबंधन की रेल

Google Oneindia News

नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से बिहार की राजनीति में जो भी कुछ घटनाक्रम घटित हुआ है, इससे साफ हो गया है कि बिहार की राजनीति में एक बार नीतीश कुमार ही घोड़े पर सवार होंगे और जेल में सजा काट रहे राजद के उत्तराधिकारी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सेहरा पहनने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

BIhar

ऐसा इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, जिसकी पहली वजह तेजस्वी यादव का नेतृत्व को ठहराया जा रहा है और दूसरी बड़ी वजह है कि महागठबंधन में शामिल लगभग सभी पार्टी प्रमुख मुख्यमंत्री पद के दावेदारी की होड़ है।

रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी पद से इस्तीफे से तेजस्वी को लगा दोहरा झटकारघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी पद से इस्तीफे से तेजस्वी को लगा दोहरा झटका

बिहार में एमएलसी चुनाव से पहले 5 राजद नेताओं का त्यागपत्र देकर जदयू में शामिल होना सामान्य घटना है, जब एमएलसी चुनाव को विधानसभा चुनाव 2020 के सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा था। उसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह का राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का घटनाक्रम राजद की नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन के लिए बड़ा आघात कहा जा सकता है।

नीतीश कुमार से मिलने के बाद फिर बदले मांझी के सुर, बोले- तानाशाही ना करे राजदनीतीश कुमार से मिलने के बाद फिर बदले मांझी के सुर, बोले- तानाशाही ना करे राजद

राजद में एक कद्दावर नेता में शुमार किए जाने रघुवंश प्रसाद राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। समझा जाता है कि उन्होंने RJD में बाहुबली नेता और लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद के शामिल किए जाने की चर्चाओं को लेकर त्यागपत्र दिया है। रघुवंश प्रसाद सिंह की गिनती RJD के उन नेताओं में होती है जिन्होंने बुरे से बुरे दौर में भी लालू यादव का साथ नहीं छोड़ा था।

BIhar

बिहार चुनाव: तीन बड़े झटकों से हिले तेजस्वी राज्यपाल से मिले, नीतीश सरकार पर बरसेबिहार चुनाव: तीन बड़े झटकों से हिले तेजस्वी राज्यपाल से मिले, नीतीश सरकार पर बरसे

हालांकि कोरोना वायरस महामारी के बीच एक अवसर राजद समेत समूचे गठबंधन को सत्ता में सवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने का बेहतरीन अवसर मिला था जब प्रवासियों की घरवापसी के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार की बड़ी फ़ज़ीहत हुई थी।

BIhar

क्या राहुल गांधी को शीशे में उतार चुके हैं तेजस्वी? मांझी और कुशवाहा को भी दिखायी हैसियत !क्या राहुल गांधी को शीशे में उतार चुके हैं तेजस्वी? मांझी और कुशवाहा को भी दिखायी हैसियत !

दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोटा से छात्रों की सकुशल वापसी के बाद नीतीश पर कोटा से छात्रों की घऱवापसी का दबाब था, लेकिन नीतीश छात्रों को वापस लाने में आनाकानी, फिर बिहार के प्रवासियों को लेकर आने वाली श्रमिक विशेष ट्रेनों का किराया देने से मुकरने से नीतीश की 'सुशासन बाबू' की छवि धूमिल हुई थी, लेकिन मुख्य विपक्षी दल राजद भी मौका चूक गई।

BIhar

पटनाः विधान परिषद के चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को बड़ा झटका, 5 एमएलसी ने थामा जेडीयू का दामनपटनाः विधान परिषद के चुनाव से पहले तेजस्वी यादव को बड़ा झटका, 5 एमएलसी ने थामा जेडीयू का दामन

गौरतलब है बिहार में वर्ष 2020 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर सत्तासीन जदयू और बीजेपी ने रणनीति बनाने में जुट गए हैं, लेकिन महागठबंधन में शामिल कई दलों में किचकिच शुरू हो गई, जिससे गठबंधन में दरार बढ़ती जा रही है।

BIhar

क्या मध्य प्रदेश के बाद अब बिहार में टूटेगी कांग्रेस? जदयू का 'मिशन तीर’ शुरू !क्या मध्य प्रदेश के बाद अब बिहार में टूटेगी कांग्रेस? जदयू का 'मिशन तीर’ शुरू !

पूर्व मुख्यमंत्री और हम चीफ जीतन राम मांझी और रालोसपा चीफ कुशवाहा के बीच ब्रेकअप ने दरार और बड़ा कर दिया, लेकिन विधान परिषद चुनाव से पूर्व 5 राजद एमएलसी नेताओं के टूटने की खबर ने दरार को खाई में तब्दील कर दिया है। यही कारण है कि अब महागठबंधन के नेता खुलकर तेजस्वी यादव के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं।

बिहार: चुनाव से पहले जीतन राम मांझी जदयू में वापसी करेंगे या महागठबंधन छोड़ बनाएंगे तीसरा मोर्चा?बिहार: चुनाव से पहले जीतन राम मांझी जदयू में वापसी करेंगे या महागठबंधन छोड़ बनाएंगे तीसरा मोर्चा?

बिहार विधान परिषद चुनाव से पहले राजद को लगा बड़ा झटका

बिहार विधान परिषद चुनाव से पहले राजद को लगा बड़ा झटका

दरअसल, बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले होने वाले विधान परिषद (एमएलसी) के चुनावों को प्रदेश की सत्ता का सेमीफाइल माना जा रहा था, लेकिन बिहार विधान परिषद चुनाव से पहले राजद को लगा बड़ा झटका बताया है कि बिहार में महागठबंधन की स्थिति क्या है। राज्य में नौ सीट के लिए छह जुलाई को विधान परिषद के चुनाव होने हैं, लेकिन पार्टी के पांच एमएलसी ने मंगलवार को जदयू का दामन थाम लिया। इनमें राधा चरण सेठ, संजय प्रसाद, रणविजय सिंह, कमरे आलम और दिलीप राय का नाम शामिल है।

बिहार की राजनीति में कृष्णा सिंह के बाद नीतीश कुमार दूसरे मुख्यमंत्री होंगें

बिहार की राजनीति में कृष्णा सिंह के बाद नीतीश कुमार दूसरे मुख्यमंत्री होंगें

राजद में यह टूट तेजस्वी यादव और महागठबंधन के लिए बड़ा झटका मानी जा रहा है, जो नीतीश कुमार के एक और बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप सत्तासीन होने की कहानी बयां कर रहा है। अगर ऐसा होता है ति बिहार की राजनीति में कृष्णा सिंह के बाद नीतीश कुमार दूसरे मुख्यमंत्री होंगें, जो अपना तीसरा टर्म पूरा करने के बाद चौथी बार भी बिहार के मुख्यमंत्री पद के रथ पर सवार होंगे।

बिहार की महागठबंधन के लिए एक और बड़ा आघात है कद्दावर नेता का इस्तीफा

बिहार की महागठबंधन के लिए एक और बड़ा आघात है कद्दावर नेता का इस्तीफा

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह का राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना भी राजद की नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन के लिए एक और बड़ा आघात कहा जा सकता है, क्याोंकि कद्दावर नेता में शुमार किए जाने रघुवंश प्रसाद राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू यादव के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। समझा जाता है कि उन्होंने RJD में बाहुबली नेता और लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सांसद के शामिल किए जाने की चर्चाओं को लेकर त्यागपत्र दिया है। रघुवंश प्रसाद सिंह की गिनती RJD के उन नेताओं में होती है जिन्होंने बुरे से बुरे दौर में भी लालू यादव का साथ नहीं छोड़ा था।

नीतीश के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 बड़ा सिरदर्द होने वाला था

नीतीश के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 बड़ा सिरदर्द होने वाला था

हालांकि नीतीश के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 एक बड़ा सरदर्द साबित होने वाला था, क्योंकि कोरोना लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों के बीच पैदा हो रहा असंतोष और बेरोज़गार श्रमिकों को आर्थिक मदद मुहैया नहीं करा पाना था, लेकिन एक हद तक उसका निराकरण तब हो गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण रोज़गार अभियान की शुरुआत की घोषणा की। गरीब कल्याण रोजगार अभियान में बिहार के कुल 31 ज़िलों को शामिल किया गया है। यही नहीं, देश में जिन छह राज्यों को इस कार्यक्रम के लिए चुना गया हैं उसमें सर्वाधिक जिले बिहार से हैं।

विधानसभा चुनाव 2020 से पहले नीतीश की मुश्किलें समाप्त हो रही हैं

विधानसभा चुनाव 2020 से पहले नीतीश की मुश्किलें समाप्त हो रही हैं

विधानसभा चुनाव 2020 से पहले एक तरफ जहां नीतीश कुमार की मुश्किलें समाप्त हो रही है, तो दूसरी ओर बिहार महगठबंधन में टूट की आशंका और बलवती होती दिख रही है। यह तब और स्पष्ट होने लगा जब पिता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने रांची में मीडिया से बातचीत की। पिता लालू यादव से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव के सुर बदले हुए थे।

तेजस्वी यादव को क्यो नहीं है महागठबंधन के संभावित टूट की परवाह

तेजस्वी यादव को क्यो नहीं है महागठबंधन के संभावित टूट की परवाह

तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के संभावित टूट की परवाह न करते हुए कहा इशारों-इशारों में कह दिया कि उन्हें केवल कांग्रेस को साथ लेकर चलने में दिलचस्पी है और इसके अलावा अगर कोई साथ आए तो ठीक और ना आए तो भी ठीक है। अपने बयान से तेजस्वी यादव ने इशारा कर दिया कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी जैसे नेताओं की ज्यादा जरूरत नहीं है और वो कांग्रेस के साथ मिलकर चुनावी वैतरणी पार कर लेंगे।

एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में दो फाड़ फऱवरी में हो चुके है

एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में दो फाड़ फऱवरी में हो चुके है

इससे पहले भी बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ महागठबंधन में दो फाड़ फऱवरी में हो चुके है और एक गुट का नेतृत्व तेजस्वी यादव और दूसरे गुट के नेता संभवतः शरद यादव माने जाते हैं। दूसरे गुट में उपेन्द्र कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और मुकेश निषाद शामिल हैं। इस गुट के कुछ नेताओं ने शरद यादव के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की भी मांग की है। साफ है कि लोकसभा चुनाव के बाद RJD नेतृत्व से ज्यादा तवज्जो नहीं मिलने के कारण सभी दलों के नेताओं के पास अपना रास्ता ढूंढने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।

सोनिया गांधी ने 24 फरवरी को वी़डियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दलों से की बात

सोनिया गांधी ने 24 फरवरी को वी़डियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दलों से की बात

हालांकि महागठबंधन को एकजुट रखने के लिए महागठबंधन का नेतृत्व संभालते हुए कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 फरवरी को वी़डियो कांफ्रेंसिंग के जरिए महागठबंधन में शामिल सभी दलों के साथ बैठक की। इससे पूर्व जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन की तारीख 25 जून तय की है और कहा है कि अगर डेडलाइन तक महागठबंधन में समित का गठन नहीं होता है तो वो अपना अगला कदम बढ़ाएंगे। ऐसा माना जाता है कि जीतन राम माझी तेजस्वी के नेतृत्व और बयानबाजी से नाराज हैं और वो एक बार फिर पाला बदलकर एनडीए में जा सकते हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में RJD, कांग्रेस, हम, RLSP व VIP साथ लड़े

लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में RJD, कांग्रेस, हम, RLSP व VIP साथ लड़े

लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में आरजेडी, कांग्रेस, हम, आरएलएसपी और वीआईपी मिलकर चुनाव में उतरी थी, जिसमें महागठबंधन को 40 लोकसभा में से केवल एक सीट आई थी। इसके बाद से हम प्रमुख जीतन राम मांझी और आरएलएसपी मुखिया उपेंद्र कुशवाहा लगातार ऐसे बयान देते रहे जिसमें हार के लिए दोनों दल तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराते आए हैं। यही वजह था कि उपचुनाव में मांझी और कुशवाहा की पार्टी ने आरजेडी का साथ नहीं दिया था और हाल में मांझी के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की चर्चाएं भी खूब जोर पकड़ रही है।

कांग्रेस में भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा चुके हैं

कांग्रेस में भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा चुके हैं

हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के घर पर कांग्रेस नेताओं की हुई बैठक में तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल उठाए जा चुके हैं। इस बैठक में बिहार विधानसभा में कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह सरीखे नेता मौजूद थे। इस बैठक में तय हुआ था कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन का नेतृत्व करेगी। साथ ही यह भी कहा गया था कि कांग्रेस महागठबंधन में कम से कम 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस द्वारा तर्क दिया गया कि इस बार जेडीयू साथ नहीं है और 2014 में 40 सीटों पर चुनाव लड़कर कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

महागठबंधन में बढ़ती दरार के बीच छोटे दल कांग्रेस से संपर्क साध रहे हैं

महागठबंधन में बढ़ती दरार के बीच छोटे दल कांग्रेस से संपर्क साध रहे हैं

इधर, सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन में बढ़ती दरार के बीच छोटे दल कांग्रेस के बड़े नेताओं के संपर्क साध रहे हैं। कहा जा रहा है कि महागठबंधन में अगर बात नहीं बनी तो कई दल मिलकर अलग मोर्चा बना सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की बात जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव, वामपंथी दलों और वंचित समाज पार्टी जैसे दलों से हो रही है। वंचित समाज पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन ललित मोहन सिंह स्वीकार करते हैं कि कई छोटे दल उनके संपर्क में है।

बिहार में महागठबंधन की डावां-डोल स्थिति से नीतीश पूरी तरह से आश्वस्त

बिहार में महागठबंधन की डावां-डोल स्थिति से नीतीश पूरी तरह से आश्वस्त

यही वजह है कि बिहार में महागठबंधन की डावां-डोल स्थिति और बिहार की मौजूदा सामाजिक समीकरण से नीतीश पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि फ़िलहाल तेजस्वी यादव उनके सामने चुनाव में नहीं टिकेंगे, क्योंकि वो ना अब तक महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का सर्वमान्य ने चेहरा ही बन पाए हैं और न ही जो भी इधर-उधर बिखरे हुए सहयोगियों के साथ उनका तालमेल बन पाया है। राजद के पांच एमएलसी पर हालिया सेंध इसका सबूत है कि राजद नेता तेजस्वी यादव की पार्टी पर कितनी पकड़ है।

कोरोना काल में मौके पर चौका लगाने में असफल रहे राजद नेता तेजस्वी यादव

कोरोना काल में मौके पर चौका लगाने में असफल रहे राजद नेता तेजस्वी यादव

मौके पर चौका लगाने में असफल राजद नेता तेजस्वी यादव कोरोना काल में नीतीश की विफलताओं को भुनाने मे विफ़ल रह गए। अब इस बिहार के लोगों की त्रासदी ही कहेंगे कि केंद्र की तरह बिहार में भी उनके पास फ़िलहाल कोई राजनीतिक विकल्प नहीं है। 15 सालों का बिहार में लालू प्रसाद यादव शासनकाल भी नीतीश कुमार के लिए कवच-कुंडल बना हुआ है, जिसे भेदने में फिलहाल तेजस्वी यादव सक्षम नहीं है। इसलिए तय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक बार फिर नीतीश के नेतृत्व में एनडीए सत्ता में लौट सकती है।

Comments
English summary
Whatever has happened in the politics of Bihar for the last several days, it has become clear that once in Bihar politics, Nitish Kumar will be riding a horse and the RJD's successor and Leader of Opposition in jail, Tejashwi Yadav You may have to wait longer to wear Sehra. This can be said because everything is not going well in the Grand Alliance.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X