बिहार में बढ़ा चुनावी तापमान, प्रवासी मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा ने CM नीतीश पर जमकर बोला हमला
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव को अब महज गिने-चुने दिन रह चुके है और सभी दल चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। इसी क्रम ताजा दिए एक बयान में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। बिहारियों के पलायन मुद्दे पर घेरते हुए उन्होंने कहा कि NDA सरकार सभी मोर्चों पर नाकाम साबित हुई है।
कोरोना महामारी काल में प्रवासियों मजदूरों को मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए रालोसपा चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सुशासन बाबू के नाम से मशहूर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पोल पूरी तरह से खुल गई है, जो कहते थे कि बिहार से पलायन कम हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि आगामी चुनाव में नीतीश कुमार का जाना लगभग तय है।
कुशवाहा ने नीतीश के बिहार सीएम की कुर्सी से हटने की बताई वजह
कुशवाहा ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बाद नीतीश कुमार के बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने की वजह बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार हमेशा कहते थे कि बिहार से पलायन रुक गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन से पैदा हुई स्थिति ने हकीकत सामने आ गई। उपेंद्र कुशवाहा ने यह बयान एक मीडिया इंटरव्यू में दिया।
लोगों ने 15 साल के नीतीश के कार्यकाल में उनकी असलियत पहचान ली है
बकौल कुशवाहा, भले ही नीतीश कुमार ने कभी महागठबंधन में रहते या एनडीए में रहते 15 साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन लोगों ने उनकी असलियत अब पहचान ली है। नीतीश ने पढ़ाई, दवाई और कमाई के वादों के साथ लोगों से वोट मांगा था और लोगों ने उन्हें 5 साल शासन करने के बदले 15 साल शासन करने का मौका दिया।
बिहार में रोजगार या शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्य लोगों के सामने हैं
बिहार में 15 साल तक सत्ता में रह चुके नीतीश के कार्यकाल में बिहार में रोजगार या शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्य लोगों के सामने हैं। उन्होंने बिहार के लोगों से प्रदेश में कानून का शासन लागू करने की बात की थी, लेकिन बिहार में हत्या, अपहरण, लूट, बलात्कार तेजी से बढ़ गया है। कुशवाहा ने कहा कि जदयू-बीजेपी की सरकार बिहार में हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
लालू-राबड़ी और नीतीश के 15-15 साल शासन के बारे में चर्चा पर बोले...
लालू-राबड़ी और नीतीश के 15-15 साल शासन के बारे में चर्चा करते हुए कुशवाहा ने कहा कि नीतीश ने बिहार को विकसित राज्य बनाने का वादा किया था, लेकिन कितने लोगों को रोजगार मिला और बिहार में नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए उन्होंने क्या किया? क्या उन्होंने एक भी इंडस्ट्री बिहार में लगाई? कुशवाहा ने कहा नीतीश के कार्यकाल में पहले से चली आ रही जूट मिल और शूगर मिल बंद हो गईं।
एनडीए-राजद के पिछले 15-15 सालों की सरकारों की तुलना पर चुप्पी
वहीं, बिहार में एनडीए और राजद के पिछले 15-15 सालों की सरकारों की तुलना पर कुशवाहा कन्नी काट गए और कहा कि दोनों सरकारों की तुलना का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, जदयू और बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए बिहार में लालू के नेतृत्व वाले 15 साल और नीतीश के नेतृत्व वाले 15 साल को मुद्दा बनाया है, जिससे महागठबंधन हलकान है।
बिहार में मुख्यमंत्री चाहे जो कोई भी बने, वो नीतीश कुमार से बेहतर होगा
कुशवाहा ने दावा किया कि मुख्यमंत्री चाहे जो कोई भी बने, लेकिन नीतीश कुमार से बेहतर होगा। महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और महागठबंधन के भविष्य पर बोलते हुए कुशवाहा ने कहा कि मीडिया में फैली महागठबंधन में दरार की खबरें कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसे बैठकर सुलझाया न जा सके और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चयन भी एक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।
कोरोना महामारी के बीच स्टूडेंट्स और प्रवासियों के मुददे पर घिरे थे नीतीश
कोरोना महामारी के बीच राजस्थान के कोटा शहर से स्टूडेंट्स की वापसी में नीतीश कुमार द्वारा की गई पहल में देरी और विभिन्न शहरों में फंसे प्रवासियों को बिहार वापसी में नीतीश की छवि थोड़ी खराब हुई थी, क्योंकि उनके उलट पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथा ने तत्परता दिखाते हुए न केवल कोटा बस भेजकर छात्रों को सकुशल वापस ले आए थे, बल्कि फंसे प्रवासियों को वापसी में तेजी दिखाई थी।