अकेले राहुल का करिश्मा होता तो तेलंगाना और मिजोरम में भी जीतती कांग्रेस
नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तस्वीर अब तकरीबन साफ हो गई है। परिणाम पर नजर डालें तो पांच में से तीन राज्यों में कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही है। हालांकि कांग्रेस को मिजोरम और तेलंगाना में हार का सामना करना पड़ा है। पूर्वोत्तर के एकमात्र राज्य मिजोरम में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है और पार्टी महज 5 सीटों पर सिमटकर रह गई। जब से खबर आई कि रूझानों में कांग्रेस को बहुमत है, तब से ही हर पार्टी और कार्यकर्ता अपने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को जीत का श्रेय दे रहे हैं लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर ये अकेले राहुल का करिश्मा होता तो तेलंगाना और मिजोरम में कांग्रेस को हार का सामना क्यों करना पड़ा?
तेलंगाना और मिजोरम में हार गई कांग्रेस
मिजोरम और तेलंगाना में तो कांग्रेस बुरी तरह से हारी है, यही नहीं पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला मिजोरम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है और 10 साल से मिजोरम की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा है। प्रदेश की 40 सीटों के रुझान के मुताबकि एमएनएफ को 29, कांग्रेस को 5, बीजेपी को एक और अनय बाकी सीटों पर आगे हैं।
पू्र्वोत्तर से कांग्रेस का सूपड़ा साफ
अभी तक पू्र्वोत्तर की पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस के लिए ये करारा झटका है क्योंकि इस हार से पहले कांग्रेस नॉर्थ ईस्ट के असम, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के चुनाव हार चुकी हैं, इसमें असम, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल में तो बीजेपी सत्ता हासिल करने में कामयाब रही है।
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तेलंगाना में कांग्रेस के साथ-साथ महागठबंधन को भी करारा झटका
तो वहीं तेलंगाना में कांग्रेस के साथ-साथ महागठबंधन को भी करारा झटका लगा है, तेलंगाना में इस बार चुनावों में कांग्रेस ने कभी अपनी ही धुर विरोधी रही तेलुगू देशम पार्टी से गठबंधन किया था क्योंकि तेलुगुदेशम और बीजेपी का गठबंधन टूट चुका है, ऐसे में कांग्रेस उम्मीद कर रही थी कि यहां पर उसे कामयाबी मिलेगी लेक, लेकिन कांग्रेस और टीडीपी गठबंधन को जनता का प्यार नहीं मिला और उसे करारी हार का सामना करना पड़ा।