IT के राडार पर EC अशोक लवासा और उनका परिवार, लाखों रुपए कैश पेमेंट का दावा
गुरुग्राम। तीन चुनाव आयुक्तों में से एक अशोक लवासा और उनका परिवार कथित तौर पर टैक्स चोरी करने और लाखों रुपए नकद पेमेंट करने के मामले में इनकम टैक्स के घेरे में हैं। इनकम टैक्स को जो शिकायत मिली उसके मुताबिक अशोक लवासा पर आरोप है कि नोटबंदी के बाद 4.93 लाख रुपए नकद जमा किया। गुड़गांव में एक इमारत के निर्माण के लिए 46.65 लाख रुपए नकद दिए। साथ ही घरेलू नौकर के बैंक खाते से किसी बिल्डर को 9.57 लाख रुपए का भुगतान किया। आयकर विभाग ने लवासा और उनके परिवार (पत्नी नोवेल सिंघल लवासा (पूर्व बैंकर), उनकी बहन शकुंतला लवासा और बेटे अबीर लवासा ) को नोटिस भेजा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में क्लिन चिट दिए जाने पर अशोक लवासा ने पांच बार विरोध किया था। इनकम टैक्स की एक रिपोर्ट में अशोक लवासा पर कई आरोप लगाए गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, अशोक लवासा पर इनकम टैक्स की अंतिम रिपोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ रेवन्यू से नवंबर, 2019 में साझा की गई।
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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अशोक लवासा के एक मकान और एक फ़ार्म हाउस की जांच की गई है। मकान अशोक लवासा और उनकी पत्नी, बहन और बेटे के नाम है। फ़ार्म हाउस अशोक लवासा और उनकी पत्नी के नाम पर बताया गया है। गुड़गांव की चारमंजिला इमारत को बनाने वाली कंपनी के मालिक सत्यप्रिय त्यागी के घर और दफ़्तर पर इनकम टैक्स ने छापा मारा। ये छापा 22 अगस्त, 2019 को मारा गया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सत्यप्रिय के दफ़्तर से कई डायरियां और ईमेल ज़ब्त किए गए। इन कागज़ों के आधार पर रिपोर्ट में ये कहा गया कि लवासा के परिवार ने कथित तौर पर मकान बनाने के लिए 46 लाख रुपए का नकद भुगतान किया। हालांकि अशोक लवासा की पत्नी ने आईटी डिपार्टमेंट की जांच में इस बात से इनकार किया कि उन्होंने इस तरह का कैश पेमेंट किया। लवासा की पत्नी ने कहा कि मकान के लिए ठेकेदार को 2.5 करोड़ का पेमेंट किया गया, लेकिन बैंकिंग सिस्टम से। इनमें से किसी भी राशि का नकद भुगतान नहीं किया गया।
कौन है अशोक लवासा?
अशोक लवासा ने 23 जनवरी 2018 को भारत के चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला। उन्हें 21 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नियुक्त किया था। लवासा ने ओम प्रकाश रावत का स्थान लिया था, जो मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। बतौर चुनाव आयुक्त लवासा का कार्यकाल अक्टूबर 2022 तक चलेगा। इसके बाद उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाएगा। अशोक लवासा का जन्म 21 अक्टूबर 1957 को हुआ था। लवासा 1980 बैच के हरियाणा कैडर के आईएएस हैं। लवासा इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव थे। वे 31 अक्टूबर 2017 को पद से सेवानिवृत्त हुए। लवासा दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंग्लिश ऑनर्स और सदर्न क्रॉस यूनिवर्सिटी साउथ वेल्स से एमबीए हैं।
अपने 37 के सेवाकाल के दौरान प्रधान सचिव और वित्तीय आयुक्त (अक्षय ऊर्जा स्रोत, विद्युत), मुख्य समन्वयक (उद्योग), हरियाणा के रेजिडेंट आयुक्त, एचएसआईडीसी के निदेशक, केंद्रीय वित्त सचिव, केंद्रीय नागर विमानन सचिव एवं कई अन्य पदों पर रहे। यूपीए शासन में पर्यावरण मंत्रालय पर बहुत सुस्त और भ्रष्ट होने का आरोप लगा था। अशोक लवासा ने अप्रूवल्स के लिए पर्यावरण मंत्रालय में पड़े आवेदनों के अंबार को कम किया। फोटोग्राफी के शौकीन लवासा ने An Uncivil Servant नाम की किताब भी लिखी है।