राजनीति में क्रिमिनल बैकग्राउंड से जुड़े नेताओं को लेकर SC के आदेश का चुनाव आयोग ने किया स्वागत, कही बड़ी बात
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम राजनीतिक दलों को लेकर बड़ा निर्देश दिया कि उन्हें अपराधिक बैकग्राउंड वाले नेताओं को टिकट क्यों दिया इसकी जानकारी उन्हें अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का चुनाव आयोग ने स्वागत किया है। चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि वह कोर्ट के निर्देश का पालन करेगी और तमाम राजनीतिक दलों को उनके उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देने के लिए कहेगी। दरअसल राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को आदेश दिया है कि वो दागी उम्मीदवारों को चुनाव का टिकट दिए जाने की वजह बताएं। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सभी पार्टियों को अपने उम्मीदवारों का क्रिमिनल रिकॉर्ड वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि क्या राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोकने का निर्देश दिया जा सकता है, जिनका आपराधिक पृष्ठभूमि हो। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन और एस रविंद्र भट की एक पीठ द्वारा याचिकाओं पर आदेश दिया गया। कई याचिकाकर्ताओं में से बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह राजनीतिक दलों पर दबाव डाले कि राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट न दें। ऐसा होने पर आयोग राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग को एक हफ्ते में फ्रेमवर्क तैयार करने का निर्देश दिया था। जस्टिस आर एफ नरीमन और जस्टिस रवींद्र भट की बेंच ने आयोग से कहा था, 'राजनीति में अपराध के वर्चस्व को खत्म करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाए।' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने इस फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा, जनता को पता होना चाहिए कि वे जिसे वोट देने जा रहे हैं वो दागी है या साफसुथरी छवि वाला है।