EVM मशीन को लेकर उड़ रही है ये अफवाह, चुनाव आयोग को देनी पड़ी सफाई
नई दिल्ली। देश में विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार ईवीएम की विश्वसनियता पर खड़े किए जा रहे हैं। हाल ही ईवीएम को लेकर एक नयी अफवाह लोगों के बीच फैल रही है। लोगों के बीच ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि, वोटिंग के समय वीवीपैट मशीन वोट डालने वालों की फोटो भी खींच लेती है। इस गलत खबर के फैलने के बाद रविवार को चुनाव आयोग ने एक बयान किया है। मुख्य चनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि, लोगों को अफवाहों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। वीवीपैट से तस्वीरें खींचना संभव नहीं है।
पैसे के बल पर वोट हासिल करने के लिए वीवीपैट (वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) को लेकर कई तरह की अफवाह फैलाई जा रही हैं। मतदाताओं से कहा जा रहा है कि वीवीपैट वोटिंग के वक्त फोटो खींचती है, इसलिए वोट के बदले पैसे लेकर उम्मीदवार को मूर्ख बनाना आसान नहीं है। मशीन से पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। ओपी रावत ने कहा, 'वोट खरीदने वाले लोग इस तरह की भ्रांतियां फैला रहे हैं। बता दें कि इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे पहले
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जो लोग वोट के बदले नोट देते हैं वे वोटर्स को यह कहकर गुमराह कर सकते हैं कि पेपर ट्रेल मशीन उनकी तस्वीर क्लिक कर लेती है। वोटरों को जागरूक करने के लिए वह इसे लेकर अभियान भी चलाएंगे। उन्होंने कहा, 'पेपर ट्रेल मशीन के बारे में लोग चाहे जो भी कह रहे हैं, उस पर भरोसा न करें। यह मशीन फोटो क्लिक नहीं करती है।
रावत ने बताया कि वीवीपैट सिर्फ एक मशीन है, जिसमें वोट डालने के बाद एक पर्ची दिखाई देती है। मतदाता इससे आश्वस्त हो जाते हैं कि उनका वोट सही जगह डल गया है। यह पर्ची मशीन के अंदर ही रहती है, कोई भी इसे साथ लेकर नहीं जा सकता है। मतगणना के वक्त जरूरत होने पर ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान किया जाता है।
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