चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, 65 साल से अधिक के नागरिकों को पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव और अन्य उपचुनावों में 65 साल से अधिक के नागरिकों पोस्टल बैलेट की सुविधा नहीं देने का फैसला किया है। हालांकि 80 साल के ऊपर के दिव्यांगों, जरूरी सेवाओं में लगे लोगों और कोरोना मरीजों को मिलेगी पोस्टल बैलट की सुविधा। आयोग ने इसके पीछे मैनपावर, कोविड महामारी के चलते सुरक्षा उपायों का हवाला दिया है।
चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में 65 साल से ऊपर के लोगों को पोस्टल बैलेेट से वोट डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी। चुनाव आय़ोग ने कहा कि, लेकिन विशेष रूप से विकलांग मतदाता जो 80 वर्ष से ऊपर हैं वे पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कर सकते हैं। इसके अलावा आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मी, कोरोना संक्रमित मरीज जो घर / संस्थागत क्वारंटाइन में हैं वे पोस्टल बैलट से वोट डाल सकते हैं।
हाल ही में कोरोना वायरस महामारी के बीच चुनाव आयोग ने 65 साल की उम्र से अधिक के लोगों को पोस्टल बैलेट द्वारा अपने मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दे दी थी। लेकिन अपने फैसले को आयोग फिलहाल के लिए बदल दिया है। हालांकि आयोग ने कोरोना पॉजिटिव मरीज को पोस्टल बैलट के जरिए अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल करने की सुविधा को बरकरार रखा है।
आपको बता दें कि इससे पहले पोस्टल बैलेट का अधिकार 80 वर्ष तक के बुजुर्ग और दिव्यांगजनों को प्राप्त था। पिछले साल 22 अक्टूबर को कानून मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के मुताबिक चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए 80 साल के अधिक आयु के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी गई थी। उस वक्त मंत्रालय ने मतपत्र से मताधिकार देने के लिए निर्वाचन संचालन नियम 1961 में संशोधन करते हुए इन्हें 'अनुपस्थित मतदाता' की श्रेणी में शामिल किया था।
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