अब राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में नहीं होगा NOTA का विकल्प, चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों के मतपत्रों से 'उपर्युक्त में से कोई भी नहीं' (NOTA) विकल्प मंगलवार को वापस ले लिया। सर्वोच्च अदालत ने राज्यसभा और विधान परिषद (MLC) के चुनावों में बैलेट पेपर से उपरोक्त में से कोई नहीं यानि नोटा का विकल्प प्रकाशित नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में नोटा एक विकल्प के रूप में जारी रह सकता है।
फैसले के आलोक में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के प्रमुख निर्वाचन अधिकारियों को जारी एक आदेश में कहा, 'राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद चुनाव में अब नोटा का विकल्प नहीं होगा।' इसमें कहा गया है कि अब से इन चुनावों के मतपत्रों में नोटा के लिए कॉलम मुद्रित नहीं किया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी फंडिंग ब्यौरे में विसंगतियों का विषय उठाते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस पार्टी को उसके पारदर्शिता दिशानिर्देशों का पालन करने में 'पहली नजर में नाकाम रहने पर' कार्रवाई के लिए चेताया। आयोग ने अपने कारण बताओ नोटिस में दावा किया कि हवाला आपरेटरों के जरिये लेनदेन को 'गलत तरीके से स्वैच्छिक दान के रूप में दिखाया गया।'