चुनाव आयोग ने बीजेपी के थीम सॉन्ग को किया बैन, बाबुल सुप्रियो ने किया था कंपोज
कोलकाता: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के थीम सॉन्ग को बैन कर दिया है। बीजेपी इसका इस्तेमाल अब नहीं कर पाएगी। इस गाने को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कंपोज और गाया था। वो पश्चिम बंगाल के आसनसोल भी सांसद भी हैं। वहीं चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के चार आईपीएस अफसरों का तबादला कर दिया था। चुनाव आयोग के इस निर्णय को पश्चिम बंगाली की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के आदेश पर चुनाव आयोग ये सब कर रहा है। हटाए गए आईपीएस अफसरों में कोलकाता और बिधाननगर के पुलिस कमिश्वर शामिल है।गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर घमासान मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल में 42 लोकसभा सीटें हैं और बीजेपी की नजरें यहां प्रदर्शन सुधारने पर हैं।
'बिना सर्टिफिकेशन के थीम सॉन्ग किया जारी'
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय बसु ने रिपोर्टरों को बताया कि बीजेपी ने थीम सॉन्ग के लिए सर्टिफिकेशन नहीं लिया था। हमने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को दी। इसके साथ ही ये गाना विभिन्न जगहों पर चल रहा था। इसी वजह से इसे रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं। ये गीत अमित चक्रवर्ती द्वारा लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी का चुनाव चिह्न कमल है और तृणमूल कांग्रेस को ना कह रहे हैं। बीजेपी के नेता बाबुल सुप्रियो ने इस गाने को ट्विट किया। उन्होंने #IiTrinamoolArNa के साथ गाने को ट्विट कर इस गाने के शब्दों का इस्तेमाल किया। ईई तृणमूल अर ना का अर्थ है ति ये तृणमूल और अब नहीं।
'बीजेपी ने किया चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन'
बीजेपी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि पार्टी ने थीम सॉन्ग के लिए पहले ही अप्लाई कर दिया था। चुनाव आयोग के फैसले के बारे में जानकारी दिए जाने पर पार्टी ने ये बात कही। वहीं चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा कि मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (MCMC)से पूर्व अनुमति नहीं लेना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय बसु ने कहा कि एमसीएमसी ने अभी तक अनुमति नहीं दी है। पार्टी ने संशोधित संस्करण प्रस्तुत नहीं किया है। हमने राज्य स्तर पर बाबुल सुप्रियो के खिलाफ सभी शिकायतों पर चर्चा की है और अपना पर्यवेक्षण चुनाव आयोग को भेजा।
'बाबुल सुप्रियो को भेजा था नोटिस'
पिछले महीने चुनाव आयोग द्वारा पूर्व सूचना के बिना गाने को जारी करने के लिए बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आयोग ने पश्चिम बंगाल में 3 अप्रैल को हुई बीजेपी की दो रैलियों में भी इस गाने को बजाने की अनुमति नहीं दी थी। गौरतलब है कि बंगाल में लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराया जाएगा। पहला चरण 11 अप्रैल और आखिरी चरण 19 मई को है। वोटों की गिनती अन्य राज्यों के साथ 23 मई को होगी। साल 2014 में भाजपा को बंगाल में केवल दो सीटें मिली थी। टीएमसी ने 34 सीटों, कांग्रेस ने 4 और सीपीएम ने 2 सीटें जीती थी।