चुनाव आयोग को 110 लोकसभा सीटों पर धन-बल से वोटरों को प्रभावित करने का शक, दो अफसरों की टीम करेगी निगरानी
नई दिल्ली: चुनाव आयोग देश भर में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के साथ-साथ वोटरों को प्रभावित करने वाली किसी भी कोशिश को नाकाम करने की पुरजोर कोशिश में लगा हुआ है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने देश भर में 110 लोकसभा सीटों की पहचान कर ली है, जहां वोटरों को धन-बल के द्वारा प्रभावित करने की सबसे ज्यादा संभावना है। इन संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों को पहचान लिया गया है। आयोग ने अपने डेटा में इसकी जानकारी दी है।
धन-बल को रोकने के लिए बनाई जाएंगी स्पेशल टीमें
चुनाव आयोग के नए डेटा के मुताबिक लोकसभा चुनाव में 150 से ज्यादा सीटें खर्च के मामले में संवेदनशील हो सकती हैं। तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटें जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार,कर्नाटक और गुजरात में आधे से अधिक सीटों को खर्चे के मामले में संवेदनशील माना गया है। इन लोकसभा सीटों पर दो से अधिक अधिकारी हर सीट पर भेजें जाएंगे, ताकि जमीनी स्तर पर इससे निपटने के लिए समर्पित स्पेशल टीमें बनाई जा सकें।
वोटरो को दिए जा सकते हैं ये प्रलोभन
चुनाव आयोग ने हाल ही में मल्टी डिपार्टमेंट इसेक्शन हाउसिंग कमेटी का गठन किया है। इसकी पहली बैठक 15 मार्च को हुई है। ये कमेटी अवैध पैसे के लेनदेन पर कड़ी नजर रखेगी। आयोग को फीड बैक से ये भी जानकारी मिली है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए ड्रग्स,शराब और घरेलू सामानों का लालच भी दिया जा सकता है। ये आकलन हर देशभर के निर्वाचन अधिकारियों के मिले फीडबैक पर किया गया है।
ये हैं मुख्य राज्य
तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी जिलों पर पर्यवेक्षकों की मांग की है। इसके अलावा दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों से 116 सीटों और लोकसभा की 25 सीटों में से 16 पर विशेष फोकस किया जाएगा। तेलंगाना की सभी 17 सीटों को संवेदनशील माना गया है। गुजरात की 18 विधानसभा सीटों और 18 लोकसभा सीटों पर विशेष नजर रखी जाएगी। उत्तराखंड की चार और जम्मू-कश्मीर की दो लोकसभा सीटें इसमें हैं। वहीं राजस्थान और पंजाब की पांच-पांच सीटें जबकि हरियाणा, छत्तीसगढ़,गोवा में एक-एक सीट पर खर्च की निगरानी होगी।