आचार संहिता से जुड़े फैसले सार्वजनिक करने की चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग 2-1 से खारिज
चुनाव आयोग नहीं सार्वजनिक करेगा
नई दिल्ली। आचार संहिता के उल्लंघन के जुड़े मामलों पर फैसलों की प्रक्रिया को सार्वजनिक करने की चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को हुई बैठक में 2-1 से लवासा की मांग के खिलाफ फैसला लिया गया। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आचार संहित उल्लंघन मामलों में शीर्ष नेताओं को मिली क्लीन चिट और विपक्षी नेताओं को भेजे गए नोटिस पर सवाल खड़े करते हुए मांग की थी कि आचार संहिता से जुड़े फैसलों पर असहमतियों को सार्वजनिक किया जाए। इस पर मंगलवार को चुनाव आयोग की बैठक हुई, जिसमें लवासा की मांग को खारिज कर दिया गया।
चुनाव आयुक्तों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में दी गई क्लीन चिट को लेकर असहमति की बात सामने आई थी। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को इस संबंध में एक चिट्ठी भी लिखकर कहा था कि उन्हें आयोग की बैठकों से दूर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि अल्पमत से किए जाने वाले फैसलों को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जा रहा।
लोकसभा के इस चुनाव में विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कुछ चुनावी भाषणों पर आपत्ति जताते हुए आयोग से उसकी शिकायत भी की थी। उनपर सुनवाई करने के लिए सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा के साथ चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा भी शामिल हुए थे। उस दौरान अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के भाषणों को आचार संहिता का उल्लंघन माना था जबकि सुनील अरोड़ा और सुशील चंद्रा उनके विचार से असहमत थे। इसके अलावा 2:1 के मत से चुनाव आयोग ने मोदी-शाह को आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों में क्लीन चिट भी दे दी थी लेकिन इस दौरान लवासा की आपत्तियों को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया था। जिसके बाद लवासा ने मांग की थी कि फैसलों पर उनकी आपत्तियों को सार्वजनिक किया जाए।
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