लोकसभा चुनाव 2019: चुनाव आयोग ने कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' कैंपेन पर रोक
भोपाल: भारतीय चुनाव आयोग ने गुरुवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' कैंपेन के ऑडियो और वीडियो प्रसारण पर रोक लगा दी है। बीजेपी के इस कैंपेन को लेकर आपत्ति जताने के बाद चुनाव आयोग ने ये आदेश जारी किए। कांग्रेस ने कहा कि वो चुनाव आयोग से अपने आदेश की समीक्षा की सिफारिश करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि कैंपन में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है।
कांग्रेस के 'चौकीदार चोर है' कैंपेन पर रोक
चुनाव आयोग के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश कौल के आदेश में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा प्रसारित किए जा रहे विज्ञापन 'चौकीदार चोर है' को राज्य मीडिया प्रमाणन तथा अनुवीक्षण समिति द्वारा बैन किया जा रहा है। बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कांग्रेस ने अपने विज्ञापन में चौकीदार के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, जो पीएम मोदी के लिए उल्लेख किया गया है।
राहुल गांधी ने दिया है 'चौकीदार चोर है' का नारा
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी लड़ाकू विमान राफेल डील में भ्रष्टाचार को लेकर पीएम मोदी पर अक्सर हमला करते हैं। पीएम की डील में सीधी भूमिका को लेकर वो 'चौकादार चोर है' स्लोगन का इस्तेमाल करते हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने खुद को देश का चौकीदार और वॉचमैन बताया था। इस संबंध में बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है, जिस पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
मीनाक्षी लेखी ने SC में राहुल के खिलाफ दायर की है याचिका
बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका दायर की है। उनका कहना है कि राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश की गलत व्याख्या की। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से 22 अप्रैल तक स्पष्टीकरण मांगा है। एमपी के भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लुनावत ने कहा कि गांधी प्रधानमंत्री के खिलाफ "अपमानजनक" शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने गलत तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया था। हमने चुनाव आयोग को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का कुछ भी नहीं कहा था।
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कांग्रेस ऑर्डर की समीक्षा करेगी
मध्य प्रदेश की राज्य कांग्रेस की मीडिया सेल की चेयरपर्सन शोभा ओझा ने पीटीआई भाषा से कहा कि उनकी पार्टी इस आदेश की समीक्षा करेगी। चुनाव आयोग ने इस अभियान को पहले मंजूरी दे दी और बाद में वह अनुमति वापस ले ली जो दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारा प्रतिनिधिमंडल गुरुवार शाम चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलेगा, उसने कहा कि अभियान में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था क्योंकि इसमें किसी व्यक्ति का उल्लेख नहीं था, उसने कहा, यह दावा करते हुए कि चुनाव आयोग ने आदेश को रद्द करते हुए कोई कारण नहीं बताया।