बरेली: बुजुर्ग ने किया CAA का समर्थन, तो मस्जिद के इमाम ने पूरे परिवार के नमाज पढ़ने पर लगाई रोक
बरेली। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक बुजुर्ग व्यक्ति और उसके बेटे पर मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी गई है। इदरीस अहमद और उनके बेटे का अपराध सिर्फ इतना है कि उन्होंने सरकार द्वारा पारित किए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को अपना समर्थन दिया है। मूंढापांडे थाना क्षेत्र के अंतर्गत सिरस खेड़ा गांव में रहने वाले इदरीस अहमद ने बताया कि सीएए का समर्थन करने के बाद 'चांद' मस्जिद के इमाम उनसे नाराज हो गए और उनके पूरे परिवार पर मस्जिद में नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी।
बुजुर्ग ने इमाम पर लगाया आरोप
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के पर देश दो तबके में बंट गया है। एक गुट सीएए का समर्थन कर रहा है तो दूसरा इसके विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहा है। दिसंबर, 2019 में उत्तर प्रदेश में इसे लेकर कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन हुए जिनमें कई नागरिकों की जान गई। सीएए का समर्थन करने पर नमाज पढ़ने से रोके जाना ऐसा पहला मामला सामने आया है। सिरस खेड़ा में रहने वाले इदरीस अहमद के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
पुलिस में की इमाम की शिकायत
इदरीस अहमद ने इसके खिलाफ मुरादाबाद पुलिस की मदद ली है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने के बाद मस्जिद के इमाम ने उन्हें धमकाया और कहा कि जब तक वह सीएए पर अपने फैसले पर अड़े रहेंगे तब तक उन्हें मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने दिया जाएगा। इदरीस ने बताया कि उनके बेटे मोहम्मद खाकन को भी मस्जिद में नहीं घुसने दिया जा रहा। उधर, इमाम ने इदरीस अहमद के सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह झूठ बोल रहे हैं।
सीएए-एनआरसी पर इमाम देता है भड़काऊ बयान
इमाम ने कहा कि इदरीस अहमद की उनसे दुश्मनी है जिसका वह बदला निकाल रहे है। बता दें कि नमाज पढ़ने से रोके जाने के बाद इदरीस अहमद अपने बेटे और कुछ दोस्तों के साथ मंगलवार को मुरादाबाग के एसपी ऑफिस पहुंचे और इमाम के खिलाफ कड़ा एक्शन लिए जाना की मांग की। एसपी अमिता पाठक ने इस मामले में इमाम अनीश मियान से पूछताछ की और पाया कि वह लोगों को सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर भड़काता है। अमिता पाठक ने बताया कि हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।
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