मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा: टास्क फोर्स का हुआ गठन, एक महीने में तैयार हो जाएगा रोडमैप
नई दिल्ली: शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार तेजी से काम कर रही है। हाल में केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। जिसमें मातृभाषा में सभी तरह की शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही गई थी। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने तकनीकी शिक्षा को मातृभाषा में पढ़ाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो एक महीने के अंदर इस बारे में विस्तार से अपनी रिपोर्ट देगी।
दरअसल पिछले महीने के अंत में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में एक हाईलेवल बैठक हुई थी। जिसमें ये निर्णय हुआ कि आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों के छात्रों को तकनीकी शिक्षा उनकी मातृभाषा के पढ़ने का मौका दिया जाए। इसके बाद बुधवार को शिक्षा मंत्री निशंक ने एक टास्क फोर्स का गठन किया, जो इसको लेकर रोडमैप तैयार करेगी। सचिव, उच्च शिक्षा विभाग की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स सभी हितधारकों से सुझाव लेगी। इसके बाद एक महीने में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
सरकार ने NIT और आईआईटी के प्रवेश की प्रक्रिया में किया बदलाव
आईआईटी
बीएचयू
का
हुआ
है
चयन
पिछले
महीने
हुई
मीटिंग
के
बाद
अधिकारियों
ने
बताया
कि
अभी
आईआईटी
बीएचयू
को
इसके
लिए
चुना
गया
है।
वहां
पर
आईआईटी
के
छात्रों
को
हिंदी
में
इंजीनियरिंग
पढ़ाई
जाएगी।
इसके
बाद
आने
वाले
दिनों
में
अन्य
संस्थानों
में
ये
नियम
लागू
कर
दिए
जाएंगे।
इससे
पहले
एनटीए
ने
भी
स्थानीय
भाषा
(लोकल
लैंग्वेज)
में
जेईई
मेन्स
की
परीक्षा
आयोजित
करवाने
की
बात
कही
थी।
ये
परीक्षा
हिंदी
अंग्रेजी
के
अलावा
नौ
क्षेत्रीय
भाषाओं
में
होगी।