कौन हैं ऐश्वर्या डीके शिवकुमार, कैसे आया मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम?
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या से मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में 7 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है, अधिकारियों ने बताया कि 22 साल की प्रबंधन स्नातक ऐश्वर्या से पूछताछ हुई है और उनका बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है, कांग्रेस नेता की बेटी कल खान मार्केट स्थित एजेंसी के कार्यालय में सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर पहुंची थीं, जहां से वो शाम 7 बजकर 30 मिनट पर बाहर आई थीं।
डीके शिवकुमार की बेटी के पास 100 करोड़ की संपत्ति
आपको बता दें कि एजेंसी की ओर से शिवकुमार की बेटी को नोटिस भेजा गया था और जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता अपनी बेटी के नाम पर करोडों की संपत्ति खरीद चुके है साथ ही कई जगह निवेश भी कर चुके हैं।
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कौन है ऐश्वर्या डीके कुमार, कैसे आया केस में नाम
डीके शिवकुमार की 22 साल की बेटी ऐश्वर्या शिवकुमार मैनेजमेंट ग्रेजुएट हैं और बेंगुलुरू में रहती हैं, साल 2013 के हलफनामे में डी के शिवकुमार ने अपनी बेटी ऐश्वर्या की संपत्ति सिर्फ एक करोड़ के करीब दिखाई थी जो 5 साल बाद बढ़कर 100 करोड़ के पार पहुंच गई है, यही नहीं ऐश्वर्या एक शैक्षिक ट्रस्ट में ट्रस्टी भी है, ये ट्रस्ट कई इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों का संचालन करता है और इस ट्रस्ट के पास करोंड़ों की संपत्ति और बिजनेस है लेकिन जो संपत्ति है, वो गैरकानूनी ढंग से बनाए गए हैं, ऐसा ईडी का कहना है क्योंकि उसका ौृकोई ब्यौरा ईडी को नहीं मिला।
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क्या है ऐश्वर्या पर आरोप
ईडी का कहना है कि डीके शिवकुमार के वित्तीय सौदों की जांच करते हुए, एजेंसी को उनकी बेटी के एक ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज मिले हैं, इसी ट्रस्ट के कामकाज और उसके वित्तीय लेन-देन की डिटेल हासिल करने के लिए ऐश्वर्या को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, सूत्रों के मुताबिक ऐश्वर्या ने एजेंसी को कुछ व्यक्तिगत वित्तीय दस्तावेज भी कल सौंपे हैं।
क्या है डीके शिवकुमार पर आरोप
कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं, बता दें कि पिछले साल ईडी ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। उनके खिलाफ 2017 में आयकर विभाग ने जांच की थी और उनके पास से नई दिल्ली के ठिकानों पर 8.83 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे, जिसका उनके पास अकाउंट नहीं था। पिछले वर्ष ईडी ने सितंबर माह में शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। आयकर विभाग द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर ही ईडी ने यह मामला दर्ज किया था।
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